नई दिल्लीः असम के मोरीगांव में महंगाई के खिलाफ किए गए नुक्कड़ नाटक में भगवान शिव का रूप धारण करने पर एक व्यक्ति को धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी.
असम के सीएम ने कार्रवाई को किया नामंजूर
उन्होंने बताया कि नाटक में भगवान शिव का रूप लिए कार्यकर्ता को बाइक में पेट्रोल खत्म होने पर देवी पार्वती का रूप धारण करने वाली महिला से बहस करते दिखाया गया. हालांकि, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व सरमा ने पुलिस की कार्रवाई को नामंजूर करते हुए कहा कि समसामयिकी मुद्दों पर नुक्कड़ नाटक ईशनिंदा नहीं है और जिला पुलिस को व्यक्ति को रिहा करने के लिए उचित निर्देश दे दिए गए हैं.
Nagaon, Assam | Man who played Lord Shiva in nukkad natak arrested for allegedly hurting religious sentiments
An accused who dressed up as Lord Shiva arrested, will be presented in court. 2 others, suspected to be involved are yet to be nabbed: Manoj Rajvanshi, Sadar PS Incharge pic.twitter.com/DMQXjPX3MP
— ANI (@ANI) July 10, 2022
दो शिकायतों के आधार पर हुई गिरफ्तारी
नगांव की पुलिस अधीक्षक लीना डोले ने बताया कि कार्यकर्ता ब्रिंची बोरा को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल की दो शिकायतों के आधार पर शनिवार को जमानती धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था.
उन्होंने कहा, ‘हमने उसे धार्मिक भावना को आहत करने, महिला के प्रति असम्मान प्रकट करने, समुदायों के बीच द्वेष पैदा करने और सड़क पर नुक्कड़ नाटक के दौरान जूता और हेलमेट नहीं पहनकर मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया.’
'रविवार सुबह कर दिया गया रिहा'
उन्होंने रविवार को बताया, ‘सभी धाराएं जमानती थी और उसे रविवार सुबह रिहा कर दिया गया.’ डोले ने बताया कि देवी पार्वती की भूमिका निभा रही महिला का अब तक पता नहीं चला है और नाटक से जुड़े एक व्यक्ति दुलाल बोरा को नगांव पुलिस थाने में उपस्थित होने को कहा गया है.
गौरतलब है कि महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर बोरा और उनके साथियों ने नगांव कॉलेज घंटाघर के पास सड़क पर नुक्कड़ नाटक किया था. उनकी गिरफ्तारी का सोशल मीडिया पर कई लोगों ने विरोध किया था.
'नुक्कड़ नाटक ईशनिंदा नहीं है'
इस बीच, मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘समसामयिकी मुद्दों पर नुक्कड़ नाटक ईशनिंदा नहीं है. उस तरह (देवी देवताओं) की पोशाक धारण करना अपराध तब तक नहीं है जब तक कि अपमानजनक भाषा नहीं बोली जाए. नगांव पुलिस को उचित निर्देश जारी किए जा चुके हैं.’
सरमा का यह बयान अधिवक्ता और लेखक नवरूप सिंह द्वारा सिलसिलेवार ट्वीट कर उनका ध्यान इस मुद्दे की ओर आकर्षित कराए जाने के बाद आया.
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