नीतीश के इस फैसले का शरद यादव ने किया था विरोध, दोस्ती सियासी दुश्मनी में बदल गई

तेजस्वी यादव, सुशील मोदी ने शरद यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया है. साल 2022 में शरद यादव ने अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का राजद में विलय कर दिया था. शरद यादव काफी समय तक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता रहे. कहा जाता है कि यादव 2013 में भाजपा के साथ संबंध तोड़ने के जदयू फैसले के प्रति आशंकित थे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 13, 2023, 08:40 AM IST
  • शरद ने मधेपुरा से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था
  • वह चार बार इस सीट से चुनाव जीत चुके थे
नीतीश के इस फैसले का शरद यादव ने किया था विरोध, दोस्ती सियासी दुश्मनी में बदल गई

पटना: बिहार के राजनीतिक दलों के नेताओं ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया. राष्ट्रीय जनता दल के नेता व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शरद यादव के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो संदेश साझा किया है. 

डिप्टी सीएम ने ट्वीट किया, “मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादवॉ के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूँ. कुछ कह पाने में असमर्थ हूँ. माता और भाई शांतनु से वार्ता हुई. दुःख की घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है. आदरणीय अभिभावक शरद यादव जी को अश्रुपूर्ण भावभीनी श्रद्धांजलि. शत्-शत् नमन." 

शरद की पार्टी का राजद में विलय
साल 2022 में शरद यादव ने अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का राजद में विलय कर दिया था. 

बिहार की सीट से चार बार सांसद
उल्लेखनीय है कि शरद यादव ने बिहार के मधेपुरा से राजद के टिकट पर 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था. वह चार बार इस सीट से चुनाव जीत चुके थे. एक साल बाद हुए विधानसभा चुनाव में उनकी बेटी सुभाषिनी यादव बिहारगंज से राजद की उम्मीदवार थीं. 

भाजपा के चलते नीतीश से खटास
शरद यादव काफी समय तक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता रहे. कहा जाता है कि यादव 2013 में भाजपा के साथ संबंध तोड़ने के जदयू फैसले के प्रति आशंकित थे. चार साल बाद 2017 में भाजपा के साथ फिर से जुड़ने के नीतीश कुमार के फैसले के कारण यादव ने विद्रोह कर दिया था, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें राज्यसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. 

भारतीय जनता पार्टी  के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया, "शरद मेरे राजनीतिक संरक्षक थे. उन्होंने उपमुख्यमंत्री के रूप में मेरी नियुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बिहार उनके योगदान को कभी नहीं भूलेगा." 

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