चेन्नई. केरल में मानव बलि का मामला सामने आने के बाद राज्य में रह रहे तमिलनाडु के लोग अपने घर वापस लौट रहे हैं. ये लोग बेहतर रोजगार की तलाश में अपने पैतृक गांवों को छोड़कर चले गए थे लेकिन मानव बलि के मामले सामने आने के बाद अपने-अपने गांव लौट रहे हैं.
हाल ही में दो महिलाओं की मानव बलि के रूप में हत्या का मामला सामने आया था. मृतक महिलाओं में से एक 52 वर्षीय पद्मा शामिल थीं, जो तमिलनाडु के धर्मपुरी में एरापेट्टी की मूल निवासी थी और नौकरी की तलाश में 15 साल पहले केरल आई थी. एनार्कुलम में एक सब्जी विक्रेता शांति (42) कलूर बाजार में अपने पति समीनाथन के साथ धर्मपुरी के एरापेट्टी वापस आ गईं.
आईएएनएस से बात करते हुए शांति ने कहा-हम पिछले 18 सालों से एनार्कुलम में काम कर रहे हैं और शहर ने हमें सब कुछ दिया है. लेकिन जिस क्रूर मानव बलि में एक तमिल महिला की हत्या की गई और उसके टुकड़े कर दिए गए, उस खबर से मन में एक डर बैठ गया है. हम अब एनार्कुलम में नहीं रह सकते हैं. हमने आधी मजदूरी में ही गृह नगर में बसने का फैसला किया है.
ये है पूरा मामला
मोहम्मद शफी उर्फ रशीद ने दो महिलाओं, पद्मा और रोसलिन को एक फिल्म में काम करने पर मोटी रकम देने का लालच दिया था. भागवल सिंह और लैला के आवास पर सबसे पहले रोसलिन की हत्या की गई थी. उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए थे और घर के सभी कोनों में खून के छींटे मारे गए थे, ताकि धन प्राप्त करने के लिए काला जादू किया जा सके. यह घटना जून में हुई. सितंबर में पद्मा को भी उसी स्थान पर लाया गया और बेरहमी से मार डाला गया. उसके शरीर को टुकड़ों में काट दिया गया.
कृष्णावेनी, (36) अपने पति सुकुमारन के साथ तिरुवनंतपुरम में इस्त्री का काम करती थी और थेनी के मूल निवासी हैं. सुकुमारन ने थेनी से आईएएनएस से बात करते हुए कहा, तिरुवनंतपुरम मेरे लिए एक घर से बढ़कर था, लेकिन मैं अब तंग आ चुकी हूं. यहां कुंबम और थेनी में कुछ छोटे-छोटे काम करूंगी और ऐसी भयावह घटना से बचूंगी. मैं अपने गृहनगर में अपने रिश्तेदारों और परिवार के साथ रहने के बजाय ऐसी जगह पर रहूंगी, जो हमारे लिए सुरक्षित है.
शरीर के अंगों को तमिलनाडु की अपील
पद्मा के परिवार ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से शरीर के अंगों को घर वापस लाने की अपील की. उनके बड़े बेटे आर सेड्डू, जो सरकारी पॉलिटेक्निक में प्रोफेसर हैं, ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से उनके पार्थिव शरीर को उनके गृहनगर वापस लाने का अनुरोध किया. पद्मा के पति रंगा पिछले कुछ महीनों से स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण धर्मपुरी के इरुपेट्टी में थे. पद्मा भी एनार्कुलम में कुछ और महीनों तक काम करने के बाद घर आने वाली थी.
सभी 9 परिवार अपने घरों को वापस लौटे
एनार्कुलम में इरुपेट्टी गांव से केवल नौ परिवार रह रहे थे और वे सभी अब घर वापस आ गए हैं. 48 वर्षीय सुनीता मणि एनार्कुलम में एक मजदूर के तौर पर काम करती थी. सुनीता ने कहा, मैं धर्मपुरी से हूं और 15 साल से एनार्कुलम में रह रही हूं. अब मैं वापस जाना चाहती हूं. अज्ञात स्थानों पर मारे जाने के बजाय गरीबी के साथ घर पर रहना बेहतर है.
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