West Bengal: कौन हैं सी. वी. आनंद बोस, जो पश्चिम बंगाल के राज्यपाल नियुक्त किए गए

सी. वी. आनंद बोस को बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने की तारीख से प्रभावी होगी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 17, 2022, 09:54 PM IST
  • अभी मणिपुर के राज्यपाल संभाल रहे अतिरिक्त प्रभार
  • पूर्व आईएएस अधिकारी हैं डॉ. सी. वी. आनंद बोस
West Bengal: कौन हैं सी. वी. आनंद बोस, जो पश्चिम बंगाल के राज्यपाल नियुक्त किए गए

नई दिल्लीः सी. वी. आनंद बोस को बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया गया. राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि उनकी नियुक्ति उनके पदभार ग्रहण करने की तारीख से प्रभावी होगी. 

अभी मणिपुर के राज्यपाल संभाल रहे अतिरिक्त प्रभार
इसमें कहा गया है कि भारत की राष्ट्रपति ने डॉ. सी. वी. आनंद बोस को पश्चिम बंगाल का नियमित राज्यपाल नियुक्त किया है. मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन जुलाई से पश्चिम बंगाल का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं.

 

पूर्व आईएएस अधिकारी हैं डॉ. सी. वी. आनंद बोस 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. सी. वी. आनंद बोस वर्तमान में मेघालय सरकार के सलाहकार हैं और वह पूर्व आईएएस अधिकारी हैं. वह सरकार के मुख्य सचिव पद से रिटायर हो चुके हैं.

केरल में जन्मे बोस ने की है पीएचडी
बता दें कि डॉ. बोस का जन्म केरल के कोट्टायम में 2 जनवरी 1951 को हुआ था. उन्होंने बिट्स पिलानी से पीएचडी की है. साथ ही केरल विश्वविद्यालय से अंग्रेजी भाषा और साहित्य में उन्होंने एम. ए. की डिग्री हासिल की है.

पूर्व में मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ थे उपराज्यपाल
पूर्व में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ थे, लेकिन उन्होंने उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा और वह वर्तमान में भारत के उपराष्ट्रपति हैं. इसके चलते उन्हें पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद राज्यपाल ला गणेशन राज्य का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे.

धनखड़ और ममता सरकार के बीच रहता था गतिरोध
जब जगदीप धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हुआ करते थे, तब ममता सरकार और राज्यपाल के बीच काफी गतिरोध बना रहता था. कई मुद्दों पर दोनों के बीच में तनातनी रहती थी और बयानबाजी भी होती थी. लेकिन, उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस के सांसद अनुपस्थित रहे थे. ऐसे में अब सवाल है कि नए राज्यपाल और ममता सरकार के बीच कैसे संबंध रहेंगे.

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