'मैं हूं एक पोर्न एक्ट्रेस' (पार्ट-2)

जिन्दगी तो आखिर जिन्दगी होती है, सभी को जीनी होती है..कुछ को खुशी से जीने की सौगात मिलती है तो कुछ को मजबूरन आती-जाती सांसों के दरमियान गुजारना होता है वो वक्त जिसे जिन्दगी कहते हैं..  

Written by - Parijat Tripathi | Last Updated : Jul 8, 2020, 09:02 PM IST
    • 'सख्त होता हम लोगों का डेली रुटीन'
    • 'दिन शुरू होता है सुबह नौ से'
    • 'फिर होता है स्टेप वन'
    • 'पेपरवर्क होता है एग्रीमेन्ट और अन्डरस्टैन्डिंग'
'मैं हूं एक पोर्न एक्ट्रेस' (पार्ट-2)

नई दिल्ली. एक फर्क है जो एक पोर्न एक्ट्रेस को एक फिल्म एक्ट्रेस से अलग करती है. फिल्म एक्ट्रेस चाहे कितनी भी फ्लाप क्यों न हो, वह एक्ट्रेस ही कहलाती है किन्तु एक पोर्न एक्ट्रेस चाहे कितनी भी हिट क्यों न हो, वह स्लट या होर ही कहलाती है. अंग्रेजी के ये शब्द अधिक चोट देते हैं जबकि हिन्दी में वेश्या या नगरवधु शायद उतना गहरा घात नहीं करते हृदय में. 

 

सख्त होता हम लोगों का डेली रुटीन'

''मैं एक पोर्न एक्ट्रेस हूं इसलिये इस एडल्ट इन्डस्ट्री के अंदर के अंधेरे और अंधेरों में छुपी हुई सच्चाइयों से बहुत अच्छी तरह से वाकिफ हूं. चाहे हम लोगों का डेली रुटीन हो या हमारी डेली इनकम- हमारा सच तो बस हम ही जानते हैं. बतौर एक पोर्न एक्ट्रेस सुबह जागने से लेकर रात को सोने तक कैसे गुजरता है हमारा एक पूरा दिन उन लोगों के लिये काफी दिलचस्प हो सकता है जिनका संवेदनाओं से लेना-देना बहुत ज्यादा नहीं होता.''

 

'दिन शुरू होता है सुबह नौ से'

''मैं एक फीमेल पोर्नस्टार हूं इसलिये मेरा दिन नौ बजे ही शुरू हो जाता है जब हम दस बजे के पहले सेट पर पहुंचने के लिये एक घंटा पहले ही घर से निकल पड़ते हैं ताकि किसी भी हाल में लेट न हो जायें. हम सेट पर दस बजे के पहले ही हमेशा पहुंच जाते हैं और उसके बाद प्रतीक्षा करते हैं अपने डायरेक्टर के कॉल की क्योंकि यहां से हमारा गाइड, फ्रेन्ड और फिलासफर हमारा डायरेक्टर ही होता है.''

 

'फिर होता है स्टेप वन'

''मैं एक फीमेल पोर्नस्टार हूं इसलिये मैं कभी लेट नहीं होती. लेकिन पंक्चुएलिटी का ये कठोर नियम सिर्फ हमारे लिये ही होता है, हमारे डायरेक्टर के लिये नहीं. वो कभी टाइम से सेट पर नहीं पहुंचता. हम रोज उसका इन्तजार करते हैं और उसके आने के बाद शुरू होता है स्टेप वन. हमारी भाषा में स्टेप वन पेपरवर्क को कहा जाता है.''

 

क्या होता है पेपरवर्क

''पेपरवर्क होता है एग्रीमेन्ट और अन्डरस्टैन्डिंग. आज क्या होना है उसका सारा हिसाब आज के पेपरवर्क अर्थात आज के एग्रीमेन्ट में लिखा होता है जिसे हमें बताने की औपचारिकता की पूर्ति हमारा डायरेक्टर करता है. इसके साथ ही हमें मिलने वाले पैसों का हिसाब इसमें ही लिखा होता है. हमारे यहां भाव-ताव नहीं किया जाता क्योंकि भाव-ताव करने वालों के पीछे एक लंबी लाइन होती है, जो तुरंत भाव-ताव करने वाले को बाहर करके उसकी जगह आगे आजाती है.'' 

(क्रमशः)

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