Discovery: पृथ्वी पर इंसानों के अलावा भी करीब 30 लाख से ज्यादा प्रकार की प्रजातियां गुजर-बसर करती हैं जिनमें कई हजार उप प्रजातियां मौजूद हैं. इस दौरान हमारे वैज्ञानिकों ने कई ऐसे जीवों की खोज की है जिनमें शरीर का कोई अंग दुर्घटनाग्रस्त होने के चलते छिन्न-भिन्न होनेपर दोबारा उगा लेने की छमता होती है फिर चाहे वो हिरण के टूटे सींग हो या फिर छिपकली, सांप की कटी पूंछ. हालांकि पृथ्वी पर दिमाग का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कर पाने जीव मनुष्य में यह क्षमता नहीं है.
शरीर के अंग दोबारा उगाने से बस एक कदम दूर है इंसान
ऐसे में कई बार यह फिल्मों में इस काल्पनिक सोच को उतारने की भी कोशिश की गई है कि अगर इंसान के पास अपने शरीर के कटे हाथ, पैर या कोई भी अंग वापस उगा पाने की क्षमता होती तो क्या ही होता. हालांकि अभी एक स्टडी सामने आई है जिसके अनुसार इंसान की इस कल्पना को हकीकत का जामा पहनने में ज्यादा देर नहीं है क्योंकि मनुष्य शरीर में किसी भी अंग की क्षति हो जाने पर उसे दोबारा उगाने की काबिलियत हासिल करने से महज एक कदम दूर रह गया है.
चीन की यूनिवर्सिटी ने साइंस जनरल में छापी है स्टडी
चीन के जियान में स्थित नॉर्थवेस्टर्न पॉलिटेक्निकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने ऐसा ही एक प्रयोग किया है जिसके तहत इंसानों के शरीर में हाथ-पैर को फिर से उगाने वाली कोशिसा को डालने का प्रयास किया जा रहा है. इस कोशिका का नाम है ब्लास्टेमा सेल्स जो कि हिरण के शरीर में पाई जाती हैं. अगर हिरण की सींग टूटती है तो यह कोशिका उसे फिर से उगाने का काम करती है.
इंसानों में इस कोशिका को डालने के पीछे का मुख्य कारण है इससे होने वाले रिग्रोथ की विकास दर जो कि हिरण के सींग में एक इंच की रेट से होती है. वैज्ञानिक इस कोशिका से होने वाले इसी फायदे का इस्तेमाल करना चाहते हैं. चीनी यूनिवर्सिटी के इस प्रयोग की स्टडी को साइंस जनरल में प्रकाशित में किया है, जिसके अनुसरा जब हिरण के शरीर में मिलने वाले ब्लास्टेमा प्रोजेनिटर कोशिकाओं को चूहे के सिर में डाला गया तो 45 दिन के अंदर उसके सिर पर सींग जैसी चीज नजर आने लगी.
अगर परीक्षण रहा सफल तो फिर उगेंगी हड्डियां
इस स्टडी के अनुसार जब आप हिरण के सींगों के टूटने और फिर से उगने की प्रक्रिया का साल भर अध्ययन करने पर पता चलता है कि यह एक शानदार मॉडल है जिसे इंसानों के अंगों का पुनर्विकास करने के लिये इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे में बहुत संभावना है कि ब्लास्टेमा सेल्स का इस्तेमाल हड्डियों और कार्टिलेज को पुनर्विकसित करने में देखा जा सकता है.
टूटने के साथ ही सक्रिय हो जाते हैं ब्लास्टेमा सेल्स
स्टडी के अनुसार हिरणों में पाये जाने वाले बाल्स्टेमा सेल्स शरीर के अंदर पाये जाने वाले स्टेम सेल्स में मौजूद होते हैं जो कभी भी हिरण के शरीर को नहीं छोड़ती हैं, ऐसे में जैसे ही सींग गिर जाते हैं या टूट जाते हैं, वहां पर ब्लास्टेमा सेल्स दोबारा सक्रिय हो जाते हैं और नये सींग के विकास का काम शुरू हो जाता है.
स्तनधारी जीवों में भी होती हैं ये कोशिकाएं पर सक्रिय नहीं
गौरतलब है कि शरीर के अंगों को दोबारा विकसित करने वाली ये कोशिकाएं कई स्तनधारी जीवों में भी मौजूद होती हैं लेकिन पृथ्वी पर हिरण ही सिर्फ ऐसा इकलौता जीव है जिसमें ये सक्रिय होती हैं. हिरण की सींग हर साल उगती हैं, चूहों के ऊपर हुई यह स्टडी बताती है कि इसे सक्रिय किया जा सकता है और इंसानों पर ट्रायल करने से अब वैज्ञानिक बस एक कदम दूर रह गया है.
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