नई दिल्लीः पंजाब मंत्रिमंडल ने 14,417 संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने को मंगलवार को मंजूरी दे दी, जो 10 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं. एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में हुई बैठक में तदर्थ, संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कार्य प्रभारित और अस्थायी कर्मचारियों के कल्याण के लिए नीति को मंजूरी दी गई.
13 हजार कर्मचारी पहले हो चुके हैं नियमित
कैबिनेट की ओर से मंजूरी देने के चलते 14,417 कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ. प्रवक्ता ने कहा कि 13,000 अन्य कर्मचारियों की सेवाएं पहले ही नियमित की जा चुकी हैं.
प्रवक्ता के मुताबिक, 'ग्रुप सी' और 'ग्रुप डी' पदों पर नियुक्तियां पहले आसन्न आवश्यकताओं और सेवा की अनिवार्यताओं को पूरा करने के लिए अनुबंध या अस्थायी आधार पर की गई थीं.
'कर्मचारियों को इस स्तर पर कार्यमुक्त करना अनुचित'
प्रवक्ता ने कहा कि इनमें से कुछ कर्मचारियों ने अब राज्य सरकार की सेवा में 10 साल या उससे अधिक का समय बिताया है और राज्य को अपना समय दिया है. उन्हें इस स्तर पर कार्यमुक्त करना अनुचित होगा.
'अस्थायी कर्मचारियों के हित के लिए तैयार की नीति'
प्रवक्ता ने कहा कि एक कल्याणकारी राज्य होने के नाते और इन संविदा वाले या अस्थायी कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए राज्य ने वर्तमान नीति तैयार की है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऐसे कर्मचारी अनिश्चितता का सामना नहीं करें और उन्हें कार्यकाल की सुरक्षा प्रदान की जा सके.
10 मार्च को पेश होगा पंजाब का बजट
पंजाब विधानसभा का बजट सत्र तीन मार्च से शुरू होगा और 10 मार्च को इसे पेश किया जाएगा. कैबिनेट ने राज्य में निजी निवेश आकर्षित करने के लिए पंजाब स्टेट एडवेंचर टूरिज्म पॉलिसी को भी मंजूरी दी. इसके माध्यम से सिंगल विंडो सिस्टम के साथ विभिन्न स्तरों पर अंतर विभागीय समन्वय को आसान बनाया जाएगा.
(इनपुटः भाषा)
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