Amul और Mother Dairy के दूध की रेट क्यों बढ़ी, क्या इसके लिए सरकार जिम्मेदार?

Amul Mother Dairy Milk Price: अमूल और मदर डेयरी ने दूध की कीमतों में वृद्धि कर दी है. इसका सीधा असर आम आमदी की जेब पर पड़ेगा. बीते 3 साल में मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट्स की कीमतें 10% बढ़ी है. अमूल ने इससे पहले फरवरी 2023 में दूध की दरें बढ़ाई थीं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 3, 2024, 01:25 PM IST
  • 2 रुपये प्रति लीटर बढ़ी कीमत
  • 3 जून, 2024 से नया रेट लागू
Amul और Mother Dairy के दूध की रेट क्यों बढ़ी, क्या इसके लिए सरकार जिम्मेदार?

नई दिल्ली: Amul Mother Dairy Milk Price: देश की दो प्रमुख दूध उत्पादन वाली कंपनियों, अमूल और मदर डेयरी ने अपने दूध की कीमतों में इजाफा कर दिया है. दोनों कंपनियों ने दूध की रेट में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि कर दी है. ये रेट देशभर में 3 जून, 2024 यानी आज से लागू हो चुका है. दूध का रेट बढ़ने के बाद से ही आम आदमी की उदासी बढ़ गई है, क्योंकि बढ़ी हुई कीमतों का सीधा प्रभाव आम आदमी की जेब पर पड़ेगा.

3 साल में 10% महंगा हुआ दूध
अमूल दूध की कीमत 3 साल में 10 रुपये बढ़ गई है. आखिरी वृद्धि फरवरी 2023 में हुई. अमूल के अलावा दूध की अन्य बड़ी कंपनियों जैसे मदर डेयरी, नंदिनी और गोवेर्धन ने भी कीमतों में निरंतर वृद्धि की. सांख्यिकी मंत्रालयकी मानें तो फरवरी 2021 से फरवरी 2023 के बीच मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट्स की कीमतों में करीब 10% की वृद्धि हुई है.

क्यों बढ़ते हैं दूध के दाम
दूध की कीमत कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है. जैसे- पशुओं का चारा, उत्पादन लागत, खरीद की दर और ट्रांसपोर्टेशन की कीमत. यदि इनमें से किसी भी चीज की कीमत बढ़ती है तो दूध की कीमत बढ़ने के आसार भी बढ़ जाते हैं. मसलन, डीजल-पेट्रोल और पशु आहार की कीमत बढ़ी. अब किसानों को भी पशु आहार के लिए ज्यादा कीमत चुकानी होगी. दूध को प्लांट तक लाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन कंपनी का भी खर्चा बढ़ेगा. लिहाजा, दूध की कीमत में भी वृद्धि होगी. 

क्या सरकार ने बढ़ाएं हैं दाम?
दूध के दाम बढ़ने के पीछे प्रत्यक्ष रूप से सरकार जिम्मेदार नहीं है. दूध की कीमत मार्केटिंग फेडरेशन बढ़ाती है. अमूल दूध की कीमतों को गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) ने बढ़ाया है. उन्होंने एक बयान में, 'दूध के कीमतों में की गई वृद्धि खाद्य महंगाई दर से काफी कम है. बीते साल फरवरी के बाद अमूल ने  दूध की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की. जनकी हमने भी पिछले एक साल में किसानों के भुगतान में 6 से 8% बढ़ोतरी की है.

'80 पैसा मिल्क प्रोड्यूसर्स को जाता है'
बता दें कि अमूल की एक पॉलिसी में दावा किया गया है कि मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट्स बचने वाले एक में से करीब 80 पैसा मिल्क प्रोड्यूसर्स को जाता है. GCMMF का कहना है कि मिल्क प्रोड्यूसर्स अत्याधिक मिल्क प्रोडक्शन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कीमतों में वृद्धि की गई है..

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