वो देश जहां माइनस 45 डिग्री तक गिरा पारा, ठंड इतनी कि पिछली सर्दियों में 80 लाख जानवरों की हुई थी मौत!

पश्चिमी मंगोलिया के जावखान प्रांत के प्रशासनिक उपखंड ओटगोन सोम में शनिवार से रविवार की रात के दौरान तापमान शून्य से 44.4 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया. देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और पर्यावरण निगरानी एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 27, 2025, 08:17 PM IST
  • औसत से ज्यादा ठंड पड़ने का पूर्वानुमान
  • पिछले साल माइनस 48 डिग्री गया था पारा
वो देश जहां माइनस 45 डिग्री तक गिरा पारा, ठंड इतनी कि पिछली सर्दियों में 80 लाख जानवरों की हुई थी मौत!

नई दिल्लीः पश्चिमी मंगोलिया के जावखान प्रांत के प्रशासनिक उपखंड ओटगोन सोम में शनिवार से रविवार की रात के दौरान तापमान शून्य से 44.4 डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया. देश की राष्ट्रीय मौसम विज्ञान और पर्यावरण निगरानी एजेंसी ने सोमवार को यह जानकारी दी.

औसत से ज्यादा ठंड पड़ने का पूर्वानुमान

मौसम निगरानी एजेंसी ने एक बयान में कहा कि इस शीत ऋतु में मंगोलिया में यह अब तक का सबसे ठंडा तापमान है. एजेंसी ने पूर्वानुमान लगाया है कि मंगोलिया के अधिकांश हिस्सों में सर्दियों के दौरान दीर्घकालिक औसत से अधिक ठंड पड़ेगी.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, वीकेंड में देश के मौसम अधिकारियों ने लोगों को आने वाले दिनों में अत्यधिक ठंड के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी थी.
चेतावनी में कहा गया कि शनिवार से रूस के साइबेरिया से आने वाली ठंडी हवा मंगोलिया के बड़े हिस्से में फैल जाएगी, जिससे रात का तापमान शून्य से 40 डिग्री सेल्सियस नीचे जा सकता है.

पिछले साल माइनस 48 डिग्री गया था पारा

एजेंसी ने कहा, 'पिछले वर्ष हमारे देश में सबसे कम तापमान 23 जनवरी को पश्चिमी प्रांत जावखान में शून्य से 48.8 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था.' इसने भविष्यवाणी की कि इस वीकेंड में पश्चिमी क्षेत्रों में भी ऐसी ही स्थिति रहेगी.

देश के अन्य भागों विशेषकर राष्ट्रीय राजधानी उलान बाटोर में हाल के दिनों की तुलना में तापमान 10-15 डिग्री कम रहने की संभावना है और पूरे वीकेंड भारी बर्फबारी की संभावना है.

अपनी सख्त महाद्वीपीय जलवायु के साथ, एशियाई देश में लंबी और कड़ाके की ठंड पड़ती है. तापमान शून्य से 25 डिग्री सेल्सियस नीचे होता है.

पिछली सर्दियों में देश के लगभग सभी 21 प्रांतों में चरम ठंड की स्थिति थी. साथ ही रिकॉर्ड बर्फबारी भी हुई, जो 1975 के बाद सबसे अधिक थी. देश का लगभग 90 प्रतिशत क्षेत्र 100 सेंटीमीटर मोटी बर्फ से ढका हुआ था, जिसके कारण लगभग 80 लाख पशुधन की मृत्यु हो गई.

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