Nahan News: दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों ने अपनी मांगों के लिए काफी समय तक धरना प्रदर्शन किया. वजह थी MSP, एक समय बाद सरकार ने उनकी मांगे मान लीं और किसानों की घर वापसी करा दी, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश के किसान केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगा रहे हैं.
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देवेंद्र वर्मा/नाहन: हिमाचल किसान सभा ने प्रदेश में किसानों की दयनीय स्थिति पर चिंता जताई है. जिला मुख्यालय नाहन में हिमाचल किसान सभा की बैठक प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह तंवर की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें किसानों से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की गई.
किसानों को नहीं मिल रहा फसलों का समर्थन मूल्य
किसान सभा का कहना है कि प्रदेश में किसानों को आज अपनी नकदी फसलों का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है. किसानों की प्रदेश में हालत बद से बदतर हो गई है. केंद्र व प्रदेश सरकार के आश्वासन के बाद भी किसानों को अपनी नगदी फसलों को बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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सरकार पर लगा बड़ा आरोप
सभा का कहना है कि किसानों को अपनी नगदी फसलों को बेचने के लिए मार्केटिंग की कोई व्यवस्था नहीं मिल रही है. सरकारें आती हैं चली जाती हैं किसानों को मात्र आश्वासन मिलते आए हैं. किसानों की प्रदेश में अदरक, लहसुन, टमाटर समेत सेब की फसलों का कोई भी उचित समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है. केंद्र सरकार ने आंदोलन के बाद आश्वासन तो दिया, लेकिन प्रदेश में किसानों को कोई समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है. अंदाजन किसान भारी नुकसान झेल रहे हैं. उन्होंने प्रदेश की वर्तमान सरकार से जिला में नगदी फसलों पर आधारित उद्योग लगाने की गुहार लगाई है.
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9 मार्च को निकाला जाएगा रोष मार्च
किसान सभा का कहना है कि डबल इंजन वाली सरकार की ओर से जिला सिरमौर में नेशनल हाईवे बनाने को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गईं, लेकिन जमीनी स्तर पर एक भी कार्य नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि जिला में सड़कों की कनेक्टिविटी ना होने के चलते भी समस्या आ रही है. किसान सभा इस समस्या को लेकर भी 9 मार्च से एक सप्ताह के लिए सोलन मीन्स सड़क पर रोष स्वरूप पैदल मार्च करेगी. इस दौरान जनता को सरकार के झूठे वादों से अवगत करवाया जाएगा.
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