Bilaspur News: बिलासपुर जिले के नैनादेवी उपमंडल के तहत वर्ष 1929 में निर्मित वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल सलोआ को बंद न करने की मांग स्थानीय ग्रामीणों ने उठाई है। हेरिटेज स्कूलों में गिने जाने वाले सलोआ स्कूल को सड़क सुविधा व अध्यापकों व व्याख्याताओं की कमी के कारण स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या कम हो गई है।
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Bilaspur News: बिलासपुर जिले के नैना देवी उपमंडल के अंतर्गत सलोआ पंचायत का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय आज सड़क सुविधा के अभाव और अध्यापकों की कमी के दौर से गुजर रहा है। जी हां यहां हालात ऐसे हैं कि यह स्कूल अब सरकार के मापदंडों पर खरा न उतरने के कारण बंद होने की कगार पर है.
गौरतलब है कि यह स्कूल बिलासपुर जिले के चार हेरिटेज स्कूलों में से एक है जिसका निर्माण 1929 में हुआ था और जो आज भी शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा की ज्योति जलाए हुए है. बिलासपुर जिले के सबसे पुराने स्कूलों में से एक सलोआ स्कूल से कई बड़े अधिकारी और नेता पढ़कर निकले हैं लेकिन सबसे दुखद बात यह है कि सड़क सुविधा न होने के कारण आज भी इस स्कूल की हालत में कोई सुधार नहीं हो पाया है जिसके कारण इस स्कूल में छात्रों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. बरसात के मौसम में इस सड़क पर चलना किसी खतरे से खाली नहीं है जिसके कारण इस डिजिटल युग में भी यहां के लोगों की जिंदगी की परेशानियां जस की तस बनी हुई हैं.
आज तक प्रदेश में कई सरकारें आईं और गईं लेकिन यहां के हालातों में कोई बदलाव नहीं आया और न ही स्कूल की हालत में कोई सुधार हुआ. इसी सिलसिले में एक पहल संस्था बिलासपुर के अध्यक्ष अजय शर्मा सहित सभी ग्रामीणों ने एकत्रित होकर एक बैठक की और सरकार के स्कूल को बंद करने के फैसले का विरोध भी किया.
वहीं समाजसेवी अजय शर्मा का कहना है कि जिला के हेरिटेज स्कूलों में गिने जाने वाले सलोआ स्कूल में अध्यापकों की कमी को पूरा करने के साथ-साथ सड़क सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाए, ताकि इस स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या में इजाफा हो और स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या पहले की तरह 300 तक पहुंच जाए.
उन्होंने यह भी कहा कि सुविधाओं के अभाव के कारण स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या कम हो गई है, इसलिए सरकार को स्कूल को बंद नहीं करना चाहिए, अगर यह स्कूल बंद हो गया तो विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक जाएगा और उन्हें करीब 15 किलोमीटर की दूरी तय कर दूसरे स्कूल में जाना पड़ेगा, जिससे विद्यार्थियों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
इस संबंध में नैना देवी मंदिर ट्रस्ट के सदस्य आदित्य गौतम ने कहा कि सलोआ पंचायत के ग्रामीणों की समस्याओं को देखते हुए पंचायत के विकास के लिए सड़क सुविधा, स्कूल में रिक्त ग्यारह पदों को भरने तथा साइंस व कॉमर्स की कक्षाएं शुरू करने की मांगों को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा तथा इस स्कूल को किसी भी हालत में बंद नहीं होने दिया जाएगा.