Ponta Sahib: अस्पताल में पिछले लंबे समय से डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट और चतुर्थ श्रेणी कोई भी कर्मचारी मौजूद नहीं है. ऐसे में क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए हजारों रुपए खर्च कर लगभग 50 किलोमीटर दूर पांवटा साहिब इलाज के लिए जाना पड़ता है.
Trending Photos
Himachal Pradesh/ज्ञान प्रकाश: हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सिर्फ कागजों में चल रही है. धरातल पर हालात बिलकुल अलग है हालांकि प्रदेश सरकार हर मंच से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के दावे करती रहती है. मगर दूर दराज क्षेत्रों में अस्पताल एक अदद डॉक्टर को तरस रहे हैं.
सिरमौर जिले के शिलाई विधानसभा क्षेत्र में सुखोली गांव का स्वास्थ्य केंद्र भी वर्षों से खाली पड़ा है. यहां कभी कभी ही कोई डॉक्टर आता है. कभी डॉक्टर आता है तो मरीजों को दवाइयां नहीं मिलती है. हैरानी की बात यह है कि यह स्वास्थ्य केंद्र दो पंचायत के लगभग एक दर्जन गांवों के लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है. मगर सरकार और स्वास्थ्य विभाग यहां स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में नाकाम साबित हो रहा है.
ये भी पढ़े-: Hamirpur: जिला पुलिस ने नशे की रोकथाम के लिए चलाया 'वार अंगेस्ट ड्रग' अभियान
डॉक्टर, स्टाफ और दवाइयां ना होने की वजह से क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए दूर दराज भटकना पड़ता है. हजारों रुपए खर्च करके मरीज को लगभग 50 किलोमीटर दूर पांवटा साहिब पहुंचना पड़ता है. क्षेत्र में यह हालत पिछले कई वर्षों से बने हुए हैं. लिहाजा, स्थानीय लोगों में स्वास्थ्य विभाग और सरकार के प्रति खासी नाराजगी है.
लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र में हमेशा ताला लटका रहता है. सरकार ने यहां स्वास्थ्य केंद्र का भवन तो बना दिया मगर, उसमें सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य सुविधाएं न होने की वजह से बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को सबसे अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द डॉक्टर और दवाइयां भेजी जाए.