Uniform Civil Code क्या है? समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code- UCC) या यूनिफॉर्म सिविल कोड एक ऐसा कानून है, जिसे लागू करने से देश में समान नागरिक संहिता होती है. आसान भाषा में समझने के लिए पढ़ें पूरी खबर.
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Uniform Civil Code News: समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code- UCC) या यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के मंगलवार को एक बयान दिया. जिसके बाद UCC को लेकर बहस छिड़ गई है. विपक्षी दल भी इसपर अपने-अपने तर्क देकर सवाल उठा रहे हैं. ऐसे में आज इस खबर में हम आपको बताएंगे कि आखिर क्या है ये समान नागरिक संहिता और क्यों इसकी चर्चा इतनी हो रही है.
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Uniform Civil Code क्या है?
समान नागरिक संहिता यानी एक देश और एक कानून. जिसे देश में लागू करने की बात हो रही है. ये एक ऐसा कानून है, जिसे लागू करने से देश में समान नागरिक संहिता होती है. यानी की उस देश में विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना, संपत्ति के बंटवारे से लेकर अन्य सभी विषयों को लेकर जो भी कानून बनाए गए हैं, वो सभी धर्म के नागरिकों को समान रूप से मानने होते हैं.
फिलहाल भारत में कई निजी कानून धर्म के आधार पर तय हैं. ऐसे में अगर समान नागरिक संहिता को लागू होती है, तो देश में सभी धर्मों के लिए वही कानून लागू होगा जिसे भारतीय संसद द्वारा तय किया जाएगा.
बता दें, समान नागरिक कानून का जिक्र पहली बार 1835 में ब्रिटिश काल में किया गया था. उस समय ब्रिटिश सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अपराधों, सबूतों और ठेके जैसे मुद्दों पर समान कानून लागू करने की जरूरत है.
वहीं, संविधान के अनुच्छेद-44 में भी सभी नागरिकों के लिए समान कानून लागू करने की बात कही गई है. लेकिन फिर भी भारत में अब तक इसे लागू नहीं किया जा सका. सबसे बड़ी बात ये है कि देश में एक ही घर के सदस्य भी कई बार अलग-अलग रिवाजों को मानते हैं. अलग-अलग राज्य में रीति रिवाजों में काफी अंतर है. सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और मुसलमान आदि तमाम धर्म के लोगों के अपने अलग-अलग कानून हैं. ऐसे में अगर समान नागरिक संहिता को लागू होता है तो सभी धर्मों के कानून खत्म हो जाएंगे.
जानकारी के लिए बता दें, कि भारत में गोवा ऐसा राज्य है जहां UCC लागू है. संविधान में गोवा को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया है. इसे गोवा सिविल कोड के नाम से भी जाना जाता है. वहां हिंदू, मुस्लिम और ईसाई समेत सभी धर्म और जातियों के लिए एक ही फैमिली लॉ है. इस कानून के तहत गोवा में रजिस्ट्रेशन बिना कराए शादी कानूनी नहीं मानी जाती. ट्रिपल तलाक नहीं दे सकता है. संपत्ति पर पति-पत्नी का समान अधिकार होगा.
क्यों हो रही UCC की चर्चा
दरअसल, समान नागरिक संहिता को लेकर पीएम मोदी ने मंगलवार को एक बयान दिया था. पीएम ने UCC का विरोध करने वालों से सवाल किया था कि आखिर दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल सकता है. उन्होंने कहा था कि संविधान में भी सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार का जिक्र किया गया है. ऐसे में बीजेपी ने तय किया है कि वो तुष्टिकरण और वोटबैंक की राजनीति के बजाए संतुष्टिकरण के रास्ते पर चलेगी. ऐसे में अब इस बयान के बाद विपक्षी दलों में बहस के लिए एक विषय शुरू हो गया है.