Netaji Subhas Chandra Bose Jayanti 2025: पराक्रम दिवस नेताजी सुभाष चंद्र बोस की साहस, दृढ़ संकल्प और देशभक्ति की विरासत का सम्मान करता है. हर साल 23 जनवरी को मनाया जाने वाला यह दिवस भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को दर्शाता है, जिसमें भारतीय राष्ट्रीय सेना के उनके नेतृत्व और कार्रवाई के लिए उनके प्रेरक आह्वान पर ध्यान केंद्रित किया जाता है.
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Parakram Diwas 2025: हर साल 23 जनवरी को भारत देश के सबसे महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाने के लिए पराक्रम दिवस मनाता है। पराक्रम दिवस या "वीरता दिवस" के रूप में जाना जाने वाला यह दिन बोस की अदम्य भावना और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके अद्वितीय योगदान को श्रद्धांजलि के रूप में कार्य करता है. आइए इस दिन के इतिहास और महत्व को जानें, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के उल्लेखनीय जीवन और विरासत की खोज करें.
Parakram Diwas इतिहास
भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर 23 जनवरी को 2021 में सुभाष चंद्र बोस की 124वीं जयंती के अवसर पर पराक्रम दिवस के रूप में नामित किया. यह निर्णय नेताजी की अदम्य भावना और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करने के लिए एक प्रतीकात्मक इशारा था. पराक्रम दिवस नेताजी के साहस, लचीलेपन और अटूट प्रतिबद्धता का जश्न मनाता है, जिनका योगदान पीढ़ियों को प्रेरित करता रहता है. यह दिन एक स्वतंत्र और आत्मनिर्भर भारत के उनके दृष्टिकोण की याद दिलाता है, नागरिकों से उनके मूल्यों को अपनाने और देश की प्रगति के लिए काम करने का आग्रह करता है देश भर में विभिन्न कार्यक्रमों से लेकर राष्ट्रीय नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि तक, पराक्रम दिवस एक गंभीर एवं उत्साहपूर्ण अवसर है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नेताजी की विरासत राष्ट्र की सामूहिक स्मृति में अंकित रहे.
Parakram Diwas महत्व
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साहस और दृढ़ संकल्प का सम्मान करने के लिए पराक्रम दिवस का बहुत महत्व है. यह राष्ट्र के प्रति उनकी अटूट भावना और निस्वार्थ सेवा की याद दिलाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य भारतीयों, विशेषकर युवाओं को प्रतिकूल परिस्थितियों में उनकी बहादुरी, दृढ़ता और देशभक्ति के जज्बे का अनुकरण करने के लिए प्रेरित करना है. नेताजी द्वारा भारतीय राष्ट्रीय सेना का नेतृत्व और आज़ाद हिंद सरकार की स्थापना स्वतंत्रता के लिए उनकी प्रतिबद्धता का उदाहरण है. पराक्रम दिवस व्यक्तियों को इन मूल्यों को अपनाने और एक मजबूत, एकजुट और स्वतंत्र भारत की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है.
Parakram Diwas कैसे मनाया जाता है?
-नेताजी की जयंती कई भारतीय स्कूलों में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करके मनाई जाती है, उसके बाद भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है.
-नेताजी के जीवन के बारे में विस्तार से जानने के लिए देश भर में विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.
-स्कूल और कॉलेज भी भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के योगदान का जश्न मनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं.
-इस दिन पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और उड़ीसा में सार्वजनिक अवकाश भी रहता है.
-लोग इस दिन कोलकाता में नेताजी भवन, नेताजी गैलरी/संग्रहालय और आईएनए संग्रहालय भी देखने जाते हैं.