Karnal News: अमेरिका से डिपोर्ट हुए हरियाणा के लोगों में से सबसे ज्यादा करनाल जिले के लोग हैं. करनाल के 7 लोग डिपोर्ट हुए हैं और परिजन अपनो के लेने अमृतसर पहुंचे हैं. करनाल के घरौंडा का आकाश व अरुण पाल लाखों का कर्ज व जमीन बेच कर अमेरिका गए थे.
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Haryana News/करमजीत सिंह: अमेरिका में अवैध कागजात के साथ रह रहे लोगों पर अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कार्रवाई की. मंगलवार (4 फरवरी) को ट्रंप प्रशासन द्वारा 104 भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किया गया. मिलिट्री प्लेन C17 से इन लोगों को भारत भेजा गया. अमेरिका से डिपोर्ट हुए हरियाणा के 33 लोगों में से 7 लोग करनाल जिले के विभिन्न क्षेत्रों से है. बेरोजगारी के चलते व अपने घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए डंकी रास्ते अमेरिका जाकर पैसा कमाने का रास्ता चुना. घर व जमीन को गिरवी रखा, जमीन बेची और कर्ज उठाया. कभी जहाज तो कभी जंगल कभी पानी से होते हुए और बॉर्डर पर बैठे सिक्योरिटी की नजरों से बचते हुए बड़ी मुश्किल से अमेरिका तक पहुंचे लेकिन फिर किस्मत ने साथ नही दिया और उनकी वतन वापसी हो गई.
परिजन अपने बच्चों व परिवार के सदस्य को लेने अमृतसर पहुंच गए. वेरिफिकेशन के बाद सभी डिपोर्ट लोगो को परिवार को सौंपा जाएगा. अमेरिका से डिपोर्ट किए गए लोगों की सूची में करनाल जिले के भी 7 लोग शामिल है जिनमे से घरौंडा के दो युवक आकाश और अरुण पाल है जिनके परिजन इस घटना से बहुत आहत है.
आकाश 26 जनवरी को पहुंचा था अमेरिका:
करनाल के घरौंडा की गांव कलरा का आकाश 26 जनवरी को अमेरिका में पहुंच गया था. सरपंच दीपेंद्र ने बताया कि आकाश हमारे परिवार से ही है और परिवार की स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए वह अपनी जमीन बेचकर करीब 40 लाख का कर्ज लेकर अमेरिका गया था. वह 3 महीने पहले घर से अमेरिका के लिए निकला था और 26 जनवरी को अमेरिका पहुंचा था।पिता वीरेंद्र की कई साल पहले मौत हो चुकी है. ऐसे में परिवार पर न सिर्फ कर्ज बढ़ेगा बल्कि आमदनी का जरिया भी खत्म हो गया.
अरुण पाल गया था आधा एकड़ जमीन बेच कर
अमेरिका घरौंडा का अरुण पाल परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए अमेरिका गया था।वह करीब 6 महीने पहले अमेरिका गया था. परिजन ने बताया कि अरुण अपने घर की आर्थिक सुधारना चाहता था. वो आधा एकड़ जमीन बेचकर डोंकी रूट से अमेरिका पहुंचा था. बताया जा रहा है कि गरीब 30 लाख रुपए खर्च किए थे. उसे काम भी मिल गया था या नहीं कुछ कहा नहीं जा सकता. सोचा था अमेरिका में जाने से घर की गरीबी दूर हो जाएगी पर ऐसा नही हुआ और अब वापिसी हो गई.