फ़ूड सेफ़्टी ऐंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (FSSAI) ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग और मिनरल वाटर को 'अच्च जोखिम वाले खाद्य की श्रेणी' में वर्गीकृत किया है. इसके तहत अब ये उत्पाद अनिवार्य जोखिम निरीक्षण और तीसरे पक्ष के ऑडिट की निगरानी में होंगे.
क्या है FSSAI की उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थ?
FSSAI के अनुसार 'अच्च जोखिम वाले खाद्य की श्रेणी' में दुशित, खराब स्टोरेज और गलत प्रबंधन वाले उत्पाद शामिल हैं. इससे खाद्य जनित बीमारियों का खतरा अधिक हो जाता है. इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों को उपयोग करने से पहले सख्त नियमों और निगरानी की जरूरत होती है. इस कैटेगरी में पैकेज्ड पीने के अलावा कच्चा मांस, मछली, डेयरी उत्पाद, ताजे कटे फल, सब्जियां, तैयार खाद्य पदार्थ, खाने के लिए तैयार भोजन, सलाद, पके हुए व्यंजन, मिठाइयां शामिल हैं.
सरकार ने हटाया BIS
अक्टूबर में सरकार ने इस उत्पादों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से सर्टिफिकेशन की आवश्यकता को हटा दिया था. 29 नवंबर को FSSAI ने बताया कि सरकार के इस फैसले के कारण पैकेज्ड और मिनरल ड्रिंकिंग वाटर अब 'उच्च जोखिम वाले खाद्य श्रेणियों' के अंतर्गत आ गए, जिसके वजह से अब इन उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य जोखिम निरीक्षण और तीसरे पक्ष के ऑडिट की निगरानी से गुजरना होगा.
FSSAI प्रमाणपत्र और BIS मार्क जरूरी
FSSAI के इस फैसले ने पैकेज्ड पानी और मिनरल वॉटर बनाने वाली कंपनियों को बड़ा झटका दिया है. अब मार्केट में बेची जाने वाली पानी की बोतलों पर BIS मार्क होना जरूरी है. साथ ही पैकेज्ड पानी की यूनिट को शुरू करने से पहले FSSAI प्रमाणपत्र लेना भी जरूरी है. ये प्रमाण पत्र पानी को पीने के योग्य सुनिश्चित करता है. आपको बता दें, BIS और FSSAI से मंजूरी दी गई पीने वाला पानी फिल्टर करके साफ किया जाता है और फिर इसमें जरूरी खनिज मिलाए जाते हैं. इससे पैकेज्ड पानी की यूनिट पीने के योग्य हो जाती है.