UP BJP: यूपी में लोकसभा चुनाव में हार से डरी BJP! क्या अब मुसलमानों को भी मिलेगा टिकट?
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UP BJP: यूपी में लोकसभा चुनाव में हार से डरी BJP! क्या अब मुसलमानों को भी मिलेगा टिकट?

UP BJP Meeting: लोकसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था. इस बीच राज्य में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. वहीं, लोकसभा में करारी हार के बाद पार्टी के बड़े नेता समीक्षा बैठक कर रहे हैं. 

UP BJP: यूपी में लोकसभा चुनाव में हार से डरी BJP! क्या अब मुसलमानों को भी मिलेगा टिकट?

UP BJP Meeting: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद बीजेपी के शीर्ष नेता हार की समीक्षा कर रहे हैं. राज्य में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. वहीं, लोकसभा में करारी हार के बाद पार्टी के बड़े नेता समीक्षा बैठक कर रहे हैं. इस बीच, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर एक्शन मोड में हैं. वह ताबड़तोड़ मीटिंग कर रहे हैं. 

मुस्लिम उम्मीदवारों पर हुई चर्चा
सीएम योगी आज यानी 17 जुलाई को अपने मंत्रिमंडल के साथ बैठक की है, जिसमें मुस्लिम कैंडिडेटों का भी मुद्दा उठा है. जराए ने दावा किया है कि सीएम के साथ बैठक में इस बात पर चर्चा हुई है कि क्या मुस्लिम बहुल विधानसभा सीट से मुस्लिम कैंडिडेट को उतार सकता हैं? बैठक में नेताओं ने इस बात पर मंथन किया है कि इन 10 विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय का कितना प्रभाव है. माना जा रहा है कि इसी आधार पर कैंडिडेट्स का चयन किया जा सकता है. जातिगत समीकरणों पर भी खास ध्यान दिया जाएगा.

इन मुद्दों पर हुई है चर्चा
इसके अलावा जराए ने दावा किया है कि इस अहम मीटिंग में कहा गया है कि इलेक्शन सिर्फ इमानदार और जिताऊ कैंडिडेट को टिकट दिया जाएगा. किसी भी सूरत पर सिफारिश वाले नेता को टिकट नहीं दिया जाए. इस मीटिंग में चर्चा हुई है कि उपचुनाव वाले विधानसभा इलाकों में जातिगत समीकरण को क्या है और विपक्षी दल के कौन कैंडिडेट हो सकते हैं. इसके साथ ही उपचुनाव वाले विधानसभाओं में बीजेपी की क्या स्थिति है. इस  पर भी चर्चा की गई है. 

इन सीटों पर होने हैं चुनाव
मिल्कीपुर, कटेहरी, फूलपुर, मंझवा, गाजियाबाद सदर, मीरापुर, खैर और कुंदरकी विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं. भाजपा के सीनियर नेताओं को इलेक्शन की तैयारियां शुरू करने को कहा गया है. यहां तक ​​कि प्रदेश सरकार के मंत्रियों और पार्टी के सभी सीनियर नेताओं की भी चुनाव ड्यूटी लगाई गई है. उपचुनाव के लिए प्रदेश सरकार के 16 मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों की टीम बनाई गई है. इन मंत्रियों को अपनी-अपनी सीटों पर जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है.

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