Waqf Amendment Bill: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वक्फ संशोधन विधेयक के खिलफ हैं. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार मुसलमानों के खिलाफ है. उन्होंने कहा है कि क्या केंद्र सरकार हिंदुओं के मंदिरो और चर्च को छेड़ने की हिम्मत करेगी?
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Waqf Amendment Bill: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर सोमवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर मुसलमानों को निशाना बनाने का इल्जाम लगाया है. उन्होंने संसद में इसके पारित होने पर संदेह जताया है. विधेयक के खिलाफ एक प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विधानसभा में ममता ने इल्जाम लगाया कि केंद्र ने इस विषय पर राज्य सरकारों की अनदेखी की है. उन्होंने कहा, "केंद्र ने वक्फ विधेयक पर हमसे राय मशवरा नहीं किया." तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में विपक्षी सदस्यों को बोलने नहीं देने को लेकर भी भाजपा की आलोचना की.
वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ ममता बनर्जी
मुख्यमंत्री ने दावा किया, "जेपीसी में, विपक्षी सदस्यों को बोलने नहीं दिया गया. यही वजह है कि उन्होंने इसका बहिष्कार किया." उन्होंने केंद्र पर मुसलमानों को निशाना बनाते हुए "विभाजनकारी एजेंडा" को आगे बढ़ाने का इल्जाम लगाया. ममता ने कहा, "इस वक्फ (संशोधन) विधेयक के नाम पर एक ही धर्म को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? मुसलमानों को क्यों निशाना बनाया जा रहा है? क्या आप दीगर हिंदू मंदिर न्यासों या चर्च की संपत्तियों के साथ भी ऐसा करने का साहस करेंगे? इसका जवाब है नहीं. लेकिन, एक खास समुदाय को निशाना बनाना आपके विभाजनकारी एजेंडे के अनुकूल है."
क्या पास होगा वक्फ विधेयक?
ममता बनर्जी ने कहा, "क्या भाजपा संसद में इस विधेयक को पारित कर पाएगी, जबकि उसके पास दो तिहाई बहुमत नहीं है? बांग्लादेश में हालात पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को पड़ोसी देश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए.
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि इसी साल अगस्त में संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया. इस पर भारी हंगामा हुआ. इसके बाद इसे संसदीय समिति के पास भेज दिया गया. संसदीय समिति ने इस पर लोगों की राय ली है. इसने कई बैठकें की हैं. इस सत्र में इसे पेश होना था. लेकिन विपक्षी सांसदों ने इस पर और जांच पड़ता करने के लिए समिति को वक्त दिए जाने की मांग की. इसके बाद समिति ने भी इस पर और वक्त मांगा है. उम्मीद है कि बजट सत्र में इस विधेयक की रिपोर्ट पेश की जाएगी उसके बाद इस पर कोई फैसला लिया जाएगा.