Attack on Muslim in Miyamar: म्यांमार में गृह युद्ध जारी है. म्यांमार की सैन्य सरकार की तरफ से किए गए हमले में 40 लोग मारे गए हैं जिसमें 26 लोग मुस्लिम हैं. एक संगठन ने कई देशों से अपील की है कि म्यांमार को हवाई ईंधन न दें.
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Attack on Muslim in Miyamar: म्यांमार में आन सान सू की की सरकार के तख्तापलट के बाद से यहां गृहयुद्ध जारी है. म्यांमार के रखाइन प्रांत में सैन्य सरकार की तरफ से हमले में 40 लोग मारे गए हैं जिसमें मुसलमान भी शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इस हफ्ते पश्चिमी राखाइन राज्य में म्यांमार की सैन्य सरकार की तरफ से किए गए हवाई हमले में दर्जनों लोग मारे गए. राखाइन में मौजूद एक जातीय मिलिशिया अराकान आर्मी ने भी बताया कि हमले में दर्जनों लोग मारे गए. संयुक्त राष्ट्र ने जानकारी दी है कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देश का यह गृह युद्ध अपने चौथे साल के करीब है.
26 मुसलमानों की मौत
शुक्रवार देर रात जारी संयुक्त राष्ट्र के बयान के मुताबिक, बुधवार दोपहर को सेना ने यानबी टाउनशिप के क्यौक नी माव गांव पर हमला किया, जिसमें लगभग 500 घर बर्बाद हो गए और 40 से ज्याद लोग मारे गए. सेना ने नागरिकों के खिलाफ अत्याचार करने के इल्जामों को खारिज करते हुए कहा कि वह "आतंकवादियों" से लड़ रहे हैं.
सत्ता पलटने के बाद संघर्ष
अराकान सेना ने 26 मुस्लिम ग्रामीणों के नाम जारी किए, जिनके बारे में उसने कहा कि वे हमले में मारे गए और 12 घायल हुए. 2021 में नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार को सेना की तरफ से उखाड़ फेंकने के बाद से म्यांमार में उथल-पुथल मची हुई है, जिससे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जो कई मोर्चों पर व्यापक सशस्त्र विद्रोह में बदल गए.
जहाजों के ईंधन पर पाबंदी की मांग
संयुक्त राष्ट्र के बयान में सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करने की गुजारिश की. म्यांमार के कार्यकर्ताओं का एक गठबंधन ब्लड मनी कैंपेन, जो जुंटा को राजस्व में कटौती करने के लिए काम कर रहा है, उसने अंतरराष्ट्रीय सरकारों से आग्रह किया कि वे विमानन ईंधन की आपूर्ति करने वाली संस्थाओं पर तुरंत प्रतिबंध लगाएं. ब्लड मनी कैंपेन के प्रवक्ता मुलान ने कहा, "केवल तभी हवाई हमले वास्तव में रुकेंगे जब यह सपोर्ट बंद हो जाएगा."
6 लाख लोग बेघर
आपको बता दें कि बर्मी सेना की तरफ से हवाई हमलों, अराकान सेना की तरफ से रोहिंग्या नागरिकों पर संघर्ष और हमलों की वजह से राखीन राज्य में लगभग 600,000 लोगों को अपने घरों से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा है.