दिल्ली में ओवैसी की एंट्री से AAP में खलबली; दिल्ली दंगों पर केजरीवाल की पोल खोलेगा AIMIM!
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दिल्ली में ओवैसी की एंट्री से AAP में खलबली; दिल्ली दंगों पर केजरीवाल की पोल खोलेगा AIMIM!

Owaisi Entry in Delhi Politics: एआईएमआईएम प्रमुख और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने करीब ढाई दशक पहले हैदराबाद से ही अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. आज वे पूरे देश में मुस्लिम नेता के तौर पर उभरे हैं. वे दिल्ली में मुस्लिम वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी कड़ी में AIMIM दिल्ली प्रदेश चीफ दिल्ली दंगों के आरोपियों के परिवारवालों से मुलाकात की है.

दिल्ली में ओवैसी की एंट्री से AAP में खलबली; दिल्ली दंगों पर केजरीवाल की पोल खोलेगा AIMIM!

Owaisi Entry in Delhi Politics: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के दिल्ली अध्यक्ष शोएब जामई ने हाल ही में तिहाड़ जेल में बंद 2020 के दिल्ली दंगों के मुल्जिम शाहरुख पठान के परिवार से मुलाकात की. एक्स से बात करते हुए, एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष जामई ने कहा कि पार्टी ने पठान की स्थिति और संभावित कानूनी सहायता पर चर्चा की. इस मुलाकात के बाद दिल्ली की सियासत गरमा गई है.

मुसलमानों के साथ हो रही है नाइंसाफी- AIMIM
मुलाकात के बाद एक्स पर लिखा,  उन परिवारों का समर्थन करने के पार्टी के अभियान में एक छोटा कदम बताया, "जिनके बच्चे बिना किसी मुकदमे के सालों से जेल में बंद हैं. हाल ही में मैंने शाहरुख पठान की माँ से उनके घर पर मुलाकात की. दिल्ली मजलिस (AIMIM) के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनकी स्थिति और कानूनी सहायता पर चर्चा करने के लिए उनके परिवार से मुलाकात की. दिल्ली में न्याय के अभियान में हमारा यह छोटा सा कदम कई परिवारों को हिम्मत देगा, जिनके बच्चे बिना किसी सुनवाई के सालों से जेल में सड़ रहे हैं." 

अरविंद केजरीवाल के इशारे पर दर्ज किया गया मुकदमा
जमई ने आगे दावा किया कि पठान की माँ ने इल्जाम लगाया कि उनके बेटे के खिलाफ मामला दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इशारे पर दर्ज किया गया था. AIMIM के दिल्ली प्रदेश चीफ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, जमानत उन कैदियों का अधिकार है जिनके मामले लंबित हैं. उनकी माँ का कहना है कि उनके बेटे के खिलाफ अरविंद केजरीवाल के इशारे पर मामला दर्ज किया गया था, और वह इसे कभी नहीं भूल पाएंगे." 

इन राज्यों में ओवैसी का दबदबा
AIMIM चीफ और हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने करीब ढाई दशक पहले हैदराबाद से जब अपनी सियासी पारी शुरू की, तब किसी ने नहीं सोचा होगा कि आगे चलकर वो पूरे मुल्क में मुस्लिम राजनीति का एक बड़ा चेहरा बनकर उभरेंगे. आज ओवैसी के पार्टी के कई राज्यों में विधायक हैं. एआईएमआईएम ने सबसे पहले महाराष्ट्र में अपनी मजबूत पकड़ बनाई, यहां तक ​​कि एआईएमआईएम के टिकट पर कई नेता विधायक भी बने और एआईएमआईएम ने औरंगाबाद लोकसभा सीट पर कब्जा कर लिया. 

दिल्ली में ओवैसी का खौफ
इसके बाद ओवैसी ने साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में पांच सीटें जीतकर सबको चौंका दिया. उनकी इस सफलता से मुस्लिम राजनीति ने 'सेकुलर' दलों के सारे समीकरण उलट-पुलट दिए हैं. अब ओवैसी की नजर दिल्ली पर है, जहां कई सीटों पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं. इन सभी सीटों पर ओवैसी की नजर है. ओवैसी के दिल्ली में आने से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को भारी नुकसान हो सकता है. यही कारण है कि सभी सेक्युलर दल ओवैसी को भाजपा की बी टीम कहने में परहेज नहीं करते हैं. 

दिल्ली दंगों का आरोपी शाहरुख पठान
गौरतलब है कि शाहरुख पठान को कथित तौर पर 2020 के सीएए विरोधी दंगों के दौरान एक पुलिस कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया था. सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में कथित तौर पर पठान को पिस्तौल लेकर गोली चलाते और एक दूसरे दंगाई भीड़ के साथ मौजपुर चौक की ओर भागते हुए दिखाया गया है. फुटेज में पठान को लाल टी-शर्ट और नीली पैंट पहने हुए दिखाया गया है. 

वहीं, 22 अक्टूबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने शाहरुख पठान की जमानत याचिका खारिज कर दी. पठान के वकील ने तर्क दिया कि उसे अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है, बशर्ते कि उसे कोई चोट न लगी हो और कहा कि पठान पहले ही चार साल जेल में बिता चुका है. एफआईआर 51/2020 के तहत दर्ज मामले में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं जैसे 147 (दंगा), 148 (घातक हथियार से लैस दंगा), 149 (अवैध रूप से इकट्ठा होना) और 307 (हत्या की कोशिश) के तहत आरोप शामिल हैं.

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