Uttarakhand Madrasa News: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड प्रदेश भर में 117 मदरसे संचालित कर रहा है. वहीं, राज्य में कुल 419 मदरसे रजिस्टर्ड हैं जबकि एक अनुमान के अनुसार अवैध रूप से संचालित हो रहे मदरसों की संख्या 800-1000 तक हो सकती है.
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Uttarakhand Madrasa News: उत्तराखंड का पहला आधुनिक मदरसा बनकर तैयार हो गया है. इस मदरसे में सामान्य स्कूलों की तरह सभी सब्जेक्ट पढ़ाए जाएंगे. अरबी के अलावा छात्रों को वैकल्पिक भाषा के तौर पर संस्कृत पढ़ने का भी मौका मिलेगा. इसका मतलब यह है कि इस मदरसे से निकले बच्चे बड़े होकर डॉक्टर, इंजीनियर और सरकारी बाबू भी बन सकते हैं.
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि मार्च में आगामी एकेडमिक सेशन से वहां पढ़ाई शुरू हो जाएगी. शम्स ने बताया कि देहरादून में रेलवे स्टेशन के निकट मुस्लिम कॉलोनी में करीब 50 लाख रूपये से विकसित किए गए इस आधुनिक मदरसे का नाम ‘डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मॉडर्न मदरसा’ रखा गया है.
उन्होंने बताया कि मुस्लिम कॉलोनी के आसपास के इलाकों में मौजूद करीब 10 मदरसों में से प्राइम लोकेशन पर स्थित इस बड़े मदरसे को आधुनिक बनाया गया है और इसे बढ़िया क्लास रूम, फर्नीचर, कम्प्यूटर और स्मार्ट बोर्ड से सुसज्जित किया गया है. उन्होंने कहा कि आसपास के मदरसों को बंद कर वहां पढ़ रहे सभी बच्चों को अब एक ही स्थान में इस आधुनिक मदरसे में पढ़ाया जाएगा.
8 से 10 मदरसों का होगा आधुनिकरण
शम्स ने कहा कि वक्फ बोर्ड की योजना साल के आखिर तक प्रदेश में आठ से 10 मदरसों के आधुनिकीकरण की है और इन्हें भी आसपास के इलाकों के छोटे-छोटे मदरसों में से सबसे बड़े और प्राइम लोकेशन के आधार पर विकसित किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘ इससे इनका प्रबंधन आसान होगा और मदरसों की खाली होने वाली संपत्तियों का उपयोग वक्फ बोर्ड अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए कर सकेगा.’’
सभी विषयों की होगी पढ़ाई
उन्होंने आगे बताया कि इन मदरसों में सीबीएसई के एनसीईआरटी कोर्स से सुबह से दोपहर तक सामान्य शिक्षा दी जाएगी जबकि शाम को स्टूडेंट अपनी पसंद से कुरान, मुहम्मद साहब या भगवान राम आदि के बारे में पढ़ सकेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा उद्देश्य एक खूबसूरत भारत बनाना है जहां सभी बच्चों को समान शिक्षा और आगे बढ़ने के समान अवसर मिलें.’’
वक्फ बोर्ड करेगा ये सभी काम
शम्स ने बताया कि इन मदरसों में स्टूडेंट्स को फ्री एजुकेशन देने के साथ ही उनके लिए स्कूल ड्रेस और किताबों का प्रबंध भी वक्फ बोर्ड ही करेगा. उन्होंने बताया कि पहली बार मदरसों में शारीरिक शिक्षा के लिए पूर्व सैनिकों को भर्ती किया जाएगा, जो न सिर्फ स्टूडेंट्स को शारीरिक रूप से फिट रखने में बल्कि उनके अंदर देशप्रेम का जज्बा भी पैदा करने में मदद करेंगे. मदरसों में संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षकों की भर्ती भी की जाएगी.
उत्तराखंड में 419 मदरसे हैं रजिस्टर्ड
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड प्रदेश भर में 117 मदरसे संचालित कर रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल 419 मदरसे रजिस्टर्ड हैं जबकि एक अनुमान के अनुसार अवैध रूप से संचालित हो रहे मदरसों की संख्या 800-1000 तक हो सकती है, इतने सारे मदरसों की मौजूदगी को गैर जरूरी बताते हुए शम्स ने कहा कि उनकी योजना है कि मदरसे कम हों लेकिन वहां बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले. हालांकि उन्होंने बताया कि मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्य वक्फ बोर्ड के इस कदम का विरोध कर रहे है और उन पर मदरसा शब्द की जगह स्कूल नाम का इस्तेमाल करने का दवाब डाल रहे है. उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड चाहता है कि प्रदेश के सभी मदरसे एक ही तरीके से संचालित हों और इसके लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत की जा रही है.