Waqf ammendment bill: वक्फ संशोधन बिल को लेकर मंगलवार को लखनऊ में JPC की आखिरी बैठक आयोजित की गई, लेकिन इस बैठक में भी सरकार और वक्फ के लोगों में कोई आम सहमति नहीं बन पाई.. अब JPC ३१ जनवरी को इसकी रिपोर्ट संसद में पेश कर देगी. सरकार जहाँ इस बिल को पास कराने को लेकर उमीदों से भरी हुई है, वहीँ मुसलमान इस बिल से अभी भी डरा हुआ है.
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JPC meeting on Waqf Bill: वक्फ संशोधन बिल के सिलसिले में देश के अलग-अलग शहरों में पिछले कई माह से बैठकें हो रही हैं. इसी सिलसिले में गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की मंगलवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आखिरी बैठक बुलाई गई थी. इसके बाद अब कोई बैठक नहीं होगी. अब JPC अपनी रिपोर्ट सीधे संसद में पेश करेगी. महीनों की बैठक और JPC का कार्यकाल बढाए जाने के बाद भी बिल पर कोई सहमति नहीं बनी.. सत्ता पक्ष और सरकार जहाँ इस बिल की खूबियां बताती रही वहीँ, विपक्ष और मुस्लिम पक्ष इस बिल की कमियां गिनाता रह गया. दोनों के बीच कोई आम सहमती नहीं बन पाई है, फिर भी सरकार इस बिल को संसद में बहुमत की बुनियाद पर पास करा सकती है. मंगलवार की बैठक में शिया वक्फ बोर्ड के अफसरान और मुख्तलिफ मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि और सरकार के नुमाइंदे शामिल हुए. जेपीसी के सदर जगदंबिका पाल के साथ-साथ सांसद ए. राजा, इमरान मसूद, असदुद्दीन ओवैसी, मुहिबुल्लाह नदवी और राज्य सरकार के प्रतिनिधि ने शिरकत की. हम यहाँ आपको बता रहे हैं की बैठक के बाद इसके मेंबर्स ने क्या कहा?
शिया वक्फ बोर्ड ने दरगाह, कर्बला, इमामबाड़े, खानकाहें और कब्रिस्तान का मसला उठाया
बैठक में शामिल नोने वाले उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के सदर अली जैदी ने कहा, "बैठक में मैंने अपना पक्ष रखा है. मैंने खासकर 'वक्फ बिल इस्तेमाल' संपत्तियों के भविष्य को लेकर होने वाली अनिश्चितता को जेपीसी के सामने रखा है. वक्फ संशोधन विधेयक के मसविदे में 'वक्फ बिल इस्तेमाल' संपत्तियों को वक्फ के अधिकार क्षेत्र से बाहर करने की बात कही गई है, ऐसे में सवाल यह है कि अगर ऐसा किया गया तो उन संपत्तियों का क्या होगा ? उनका प्रबंधन कौन करेगा?"
जैदी ने कहा, " मैंने जेपीसी के सामने यह बात रखी है कि सारी दरगाहें, कर्बलाएं, इमामबाड़े, खानकाहें और कब्रिस्तान ऐसी सम्पत्तियां हैं जो इस्तेमाल में आती हैं, लेकिन वक्फ के तौर पर लिखित रूप में ये दर्ज नहीं हैं. हालांकि वे इस्तेमाल के लिहाज से वक्फ में ही आती हैं, और उनका प्रबंधन मौजूदा वक्फ कानून के जरिए ही होता रहा है."
शिया वक्फ बोर्ड के सदर ने कहा, " कई कानूनी पहलू हैं जिन्हें उन्होंने जेपीसी के सामने रखा है.
#WATCH | On UCC (Uniform Civil Code) to be implemented in Uttarakhand, AIMIM MP Asaduddin OWaisi says, "It can't be called UCC when you are giving exceptions to Hindu Marriage Act, Hindu Succession Act and it also won't implement on Tribals. How is this Unifrom Civil Code? YOu… pic.twitter.com/0Msew9HFuD
— ANI (@ANI) January 21, 2025
यह बिल वक्फ बोर्ड को बर्बाद करने के लिए है: ओवैसी
जेपीसी की बैठक के बाद AIMIM के कौमी सदर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि यह बिल वक्फ को बचाने के लिए नहीं बल्कि बर्बाद करने के लिए लाया जा रहा है. मुसलमानों का हक छीना जा रहा है. वहीँ, उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने पर ओवैसी ने कहा कि हिंदू मैरिज एक्ट के अलावा हिंदुओं के जो के धार्मिक अधिकार हैं उनमें तो कोई कटौती या दखलअंदाजी नहीं की जा रही है. सिर्फ मुसलमानों के धार्मिक मान्यताओं में दखल दिया जा रहा है.
#WATCH | Lucknow | On today's field visit and meeting of the Committee in Lucknow, the Chairman of the Joint Parliamentary Committee (JPC) on the Waqf Amendment Bill, Jagdambika Pal says, "During this visit to the State, the Committee we held meeting with State govt officials,… pic.twitter.com/eK2UL5xHsn
— ANI (@ANI) January 21, 2025
आज लखनऊ में यह आखिरी बैठक थी: जगदंबिका पाल
जेपीसी की बैठक से बाहर निकले कमेटी के सदर जगदंबिका पाल ने कहा, " एक अच्छे माहौल में सभी के साथ आज बैठक हुई. पूरे मुल्क में अलग-अलग राज्यों में जाकर बैठक करके एक रिपोर्ट तैयार किया जाएगा. आज लखनऊ में यह आखिरी बैठक थी. अब 24 25 को दिल्ली में एक बैठक करके आखिरी रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इसके बाद यह संसद में पेश होगी." पाल ने कहा, " हमें उम्मीद है कि हम एक अच्छी रिपोर्ट तैयार करेंगे, जिससे सभी का भला हो सके. वक्फ की जमीन जिस मकसद के लिए है उसी में उसका इस्तेमाल हो. "
वक्फ संपत्तियों का फायदा मुल्क के गरीब मुसलमानों को मिले: अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री
बैठक में शामिल हुए उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने बैठक के बाद बताया, " बैठक में जेपीसी सदस्यों के सामने वक्फ संपत्तियों से जुड़े सभी फरीकों (stakeholders) ने अपनी-अपनी बात रखी है. सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है. वह वक्फ संपत्तियों का फायदा मुल्क के गरीब मुसलमानों को भी देना चाहती है. जिन लोगों ने वक्फ की जमीनों पर गैर कानूनी कब्जा किया है, वे ही वक्फ संशोधन बिल की मुखालिफत कर रहे हैं.’’
जेपीसी की रिपोर्ट को सबको मानना होगा: आजाद अंसारी
लखनऊ में वक्फ को लेकर चल रही जेपीसी की बैठक के बाद यूपी सरकार में मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने कहा, " सभी के साथ बैठक में पॉजिटिव बातचीत हुई है. हमारा मकसद है कि वक्फ की जमीन को कैसे संरक्षित रखा जाए. उसके विकास के लिए कैसे काम किया जाए? इसको लेकर चर्चा हुई है. सरकार और बोर्ड की तरफ से सवाल-जवाब हुए हैं. अब जेपीसी जो रिपोर्ट सौंपेगी उसी को सबको मानना होगा, क्योंकि रास्ता निकालने के लिए ही लगातार यह बैठकें की जा रही हैं.
गौरतलब है कि भाजपा सरकार के कोर अजेंडे में वक्फ बोर्ड में सुधार करना शामिल है, जबकि मुसलमान सरकार के इस कदम को संशय की नज़र से देख रहा है. जेपीसी का गठन संसद में वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के पास नहीं हो पाने के बाद किया गया था. जेपीसी ने हाल के महीनों में देश के मुख्तलिफ राज्यों में बैठकों के जरिये वक्फ से जुड़े विभिन्न पक्षों के साथ विचार-विमर्श करके उनकी आपत्तियों को जानने की कोशिश की है. जेपीसी को आगामी 31 जनवरी को अपनी रिपोर्ट संसद के सामने पेश करनी है.