First Hindu Temple in Abu Dhabi: PM मोदी ने अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का किया उद्घाटन, जानें क्या है खास
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2110917

First Hindu Temple in Abu Dhabi: PM मोदी ने अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का किया उद्घाटन, जानें क्या है खास

First Hindu Temple in Abu Dhabi:  पीएम मोदी ने ‘ग्लोबल आरती’ में भी हिस्सा लिया जो बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) द्वारा मुल्कर में बने स्वामीनारायण संप्रदाय के 1200 से ज्यादा मंदिरों में एक साथ आयोजित की गई. इससे पहले मोदी ने यहां पहले हिंदू मंदिर के कंस्ट्रक्शन में योगदान देने वाले अलग-अलग संप्रदायों के लोगों से मुलाकात की.

First Hindu Temple in Abu Dhabi: PM मोदी ने अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का किया उद्घाटन, जानें क्या है खास

First Hindu Temple in Abu Dhabi: पीएम नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को स्वामीनारायण संप्रदाय के पदाधिकारियों की मौजूदगी में मंत्रोच्चार के बीच अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया. पीएम ने हल्के गुलाबी रंग का रेशमी कुर्ता पजामा, बिना बांह वाली जैकेट और पटका पहने हुए मंदिर के लोकार्पण उत्सव के पूजा विधि में हिस्सा लिया.

पीएम मोदी  ने ‘ग्लोबल आरती’ में भी हिस्सा लिया जो बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) द्वारा मुल्कर में बने स्वामीनारायण संप्रदाय के 1200 से ज्यादा मंदिरों में एक साथ आयोजित की गई. इससे पहले मोदी ने यहां पहले हिंदू मंदिर के कंस्ट्रक्शन में योगदान देने वाले अलग-अलग संप्रदायों के लोगों से मुलाकात की. दुबई-अबू धाबी शेख जायद रोड पर अल राहबा के पास 27 एकड़ इलाके में करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए मंदिर के उद्घाटन से पहले पीएम ने मंदिर में आर्टिफिशियल रूप से तैयार की गईं गंगा और यमुना नदियों में जलार्पण भी किया.

 मंदिर अफसरों के मुताबिक, शिल्प और स्थापत्य शास्त्रों एवं हिंदू ग्रंथों में उल्लेखित निर्माण की प्राचीन शैली के अनुसार भव्य मंदिर बनाया गया है. बीएपीएस के लिए इंटरनेशनल रिश्तों के चीफ स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने कहा, "यहां वास्तुशिल्प पद्धतियों को वैज्ञानिक तकनीकों के साथ जोड़ा गया है. तापमान, दबाव और गति (Seismic Activity ) को मापने के लिए मंदिर के हर लेवल पर 300 से ज्यादा हाई टेक वाले सेंसर लगाए गए हैं. सेंसर रिसर्च के लिए लाइव डेटा प्रदान करेंगे. यदि इलाके में कोई भूकंप आता है तो मंदिर इसका पता लगा लेगा और हम स्टडी कर सकेंगे."

मंदिर में धातु का नहीं हुआ है उपयोग
बता दें कि मंदिर के निर्माण में किसी भी धातु का उपयोग नहीं किया गया है और नींव को भरने के लिए कंक्रीट मिक्सर  में 55 फीसद सीमेंट की जगह फ्लाई ऐश का यूज किया गया है. मंदिर के कंस्ट्रक्शन मैनेजर मधुसूदन पटेल ने कहा, "हमने परंपरागत सौंदर्य वाली पत्थर संरचनाओं और आधुनिक समय के शिल्प को मिलाते हुए तापमान रोधी सूक्ष्म टाइल्स और कांच के भारी पैनलों का इस्तेमाल किया है. UAE के तापमान को देखते हुए ये टाइल्स दर्शनार्थियों के पैदल चलने में सुविधाजनक होंगी."

नागर शैली में हुआ मंदिर का निर्माण
अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर का कंस्ट्रक्शन नागर शैली में किया गया है. इसी तरह अयोध्या में राम मंदिर का भी निर्माण किया गया है. मंदिर में काम करने वाले उमेश राजा के मुताबिक, 20 हजार टन से ज्यादा चूना पत्थर के टुकड़ों को राजस्थान में तराशा गया और 700 कंटेनरों में सभी पत्थरों को भरकर अबू धाबी लाया गया.

Trending news