इस काम में फेल हुए UP के 12 BJP सांसद; अगले लोकसभा चुनाव में कट सकता है टिकट
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इस काम में फेल हुए UP के 12 BJP सांसद; अगले लोकसभा चुनाव में कट सकता है टिकट

2024 Lok Sabha Elections: मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर आयोजित पार्टी बैठकों में भीड़ जुटाने में नाकाम और खराब प्रदर्शन से भाजपा के वर्तमान सांसदों को अगले चुनाव में टिकट गंवाना पड़ सकता है. 

अलामती तस्वीर

लखनऊः आने वाले लोक सभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा भाजपा सांसदों को चुनाव लड़ने के लि पार्टी के टिकट से हाथ धोना पड़ सकता है. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि, राज्य भाजपा इकाई द्वारा तैयार की जा रही एक गुप्त परफॉर्मेंस रिपोर्ट में  उनके प्रदर्शन को 'असंतोषजनक’ पाया गया है. केंद्र में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर ऐसी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर सभी सांसदों को संबंधित जिला अध्यक्षों के समन्वय में जन संपर्क मुहिम के तहत रैलियां आयोजित करने के लिए कहा गया था. उन्हें अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में रैलियों के लिए कम से कम 10,000 लोगों का जोड़ने का लक्ष्य दिया गया था.

पार्टी सूत्रों की मानें तो लगभग 20 फीसदी सांसदों ने जन संपर्क कार्यक्रम में खराब प्रदर्शन किया है, और लगभग 50 फीसदी ने लक्षित संख्या का 60-70 प्रतिशत हासिल किया है, जबकि शेष आधे लगभग 40 प्रतिशत ही हासिल कर सके हैं. इस तरह की रैलियों को केंद्रीय मंत्रियों, राष्ट्रीय भाजपा पदाधिकारियों, यूपी के मुख्यमंत्री और राज्य भाजपा अध्यक्ष के समूहों से वरिष्ठ भाजपा नेताओं द्वारा खिताब किया जा रहा है. फिलहाल बीजेपी के पास राज्य से 64 सांसद हैं.

रैली में भीड़ जुटाने में नाकाम हो रहे हैं नेता 
पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि मिसाल के तौर पर, गौतम बुद्ध नगर में, जन संपर्क अभियान में 5,000 क्षमता वाले एक सभागार में सिर्फ 2,000 से 2,500 लोग आ पाए थे. प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए, राज्य के टॉप नेतृत्व ने 25 जून को नोएडा में एक और रैली आयोजित करने का फैसला लिया है, जिसे अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संबोधित करेंगे. ऐसा ही मामला कन्नौज में सामने आया है, जहां से प्रदेश नेतृत्व को रैली में मौजूद लोगों की तादाद पर विरोधाभासी रिपोर्ट मिली है. यहां जिला अध्यक्ष ने अपनी रिपोर्ट में रैली में 7,000 से ज्यादा लोगों की मौजूदगी का दावा किया था, रैली में मौजूद एक अन्य नेता ने बताया कि वहां सिर्फ 1,500 से 2,000 लोग मौजूद थे. घोसी, लालगंज और बहराईच से भी ऐसी ही खबरें आई हैं. 

भीड़ जुटाने के लिए अफसरों से मांगी जा रही मदद 
गौरतलब है कि कुछ सांसदों ने कार्यक्रमों में भीड़ जुटाने के लिए सरकारी मशीनरी से भी मदद मांगी है. कथित तौर पर मछलीशहर के सांसद बी.पी. द्वारा लिखी गई एक चिट्ठी में जौनपुर के जिला मजिस्ट्रेट से 19 जून को बयालसी डिग्री कॉलेज, जलालपुर में एक रैली में भीड़ जुटाने में मदद का अनुरोध किया गया है. उनकी कथित चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायाल हो रही है. 

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