Citizenship under CAA: सीएए को 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ना के शिकार गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए दिसंबर 2019 में लाया गया था.
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Citizenship under CAA: गृह मंत्रालय ने 15 मई को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के तहत नागरिकता प्रमाणपत्र का पहला सेट जारी किया. गृह मंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी से कहा, "आज ही दिल्ली में 300 लोगों को सीएए के तहत नागरिकता दी जा रही है. सीएए देश का कानून है." इसके साथ ही पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ना के शिकार होकर इंडिया आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने एक निर्दिष्ट पोर्टल के माध्यम से आवेदनों पर ऑनलाइन मंजूरी के बाद 14 लोगों को प्रमाण पत्र सौंपे. सीएए को 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में प्रताड़ना के शिकार गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता प्रदान करने के लिए दिसंबर 2019 में लाया गया था.
राष्ट्रपति से मिल गई थी मंजूरी
इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग शामिल हैं. कानून बनने के बाद, सीएए को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई, लेकिन जिन नियमों के तहत भारत की नागरिकता दी जानी थी, उन्हें चार साल से ज्यादा की देरी के बाद इस साल 11 मार्च को जारी किया गया.
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
CAA के तहत भारत की नागरिकता लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. इसके लिए सबसे पहले इंडिया में आने की तारीख बतानी होगी. इसके साथ ही दस्तावेजों के पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, तीनों पड़ोसी मुल्कों का कोई भी सरकारी प्रमाण पत्र चाहे वो लाइसेंस हो या शैक्षणिक पत्र हो. भारत की नागरिकता के लिए वहीं लोग आवेदन कर सकते हैं, हिंदू, पारसी, बौद्ध और जैन समुदाय से हो. इसमें शर्त एक है कि जो भी शख्स नागरिकता लेने के लिए आवेदन कर रहा है, वो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में दाखिल हो चुका हो. वहीं आवेदन कर सकता है.