आम आदमी पार्टी संसद के खास सत्र में जम्मू व कश्मीर में तीन फौजियों के शहीद होने का मुद्दा उठाएगी. AAP का कहना है कि भाजपा सरकार मुल्क की हिफाजत करना नहीं जानती है.
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आम आदमी पार्टी (AAP) ने साफ कर दिया है कि वह 18 से 22 सितंबर तक होने वाले संसद के खास सत्र के दौरान आतंकवाद से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करेगी, जिसकी वजह से तीन बहादुर फौजी शहीद हो गए. मीडिया इदारे से 'AAP' के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि वह जम्मू के अनंतनाग में कोकेरनाग में मुठभेड़ के दौरान अपनी जान गंवाने वाले तीन बहादुर सैनिकों की शहादत का मुद्दा उठाएंगे.
देश की हिफाजत नहीं करती भाजपा
सिंह ने कहा कि स्निफर डॉग ने भी देश की सेवा में अपनी जान दे दी, लेकिन भाजपा को नहीं पता कि देश की हिफाजत कैसे करनी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दावा किया था कि उन्होंने आतंकवाद को खत्म कर दिया है, लेकिन सच्चाई यह है कि कुछ भी खास बदलाव नहीं हुआ है और पाकिस्तान लगातार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. उन्होंने इशारा दिया कि वह पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा भी उठाएंगे.
सदस्यता रद्द करने का उठेगा मुद्दा
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि 'AAP' अपने राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की सदस्यता रद्द करने का मुद्दा उठाएगी. संजय सिंह ने कहा, "मैं और पार्टी के दूसरे सांसद आतंकवाद और दूसरे चिंताओं का मुद्दा उठाएंगे. अगर राघव चड्ढा की सदस्यता बहाल हो जाती है, तो वह भी इस मुद्दे को उठाने के लिए हमारे साथ शामिल होंगे. पार्टी पीआरओ रीना गुप्ता ने बताया कि खास सत्र चिंता के राष्ट्रीय मुद्दों से भागने की मोदी सरकार की रणनीति के हिसाब से पूरी तरह से बकवास होगा.
संजय सिंह और राघव चड्ढा रहेंगे सस्पेंड
रीना गुप्ता ने कहा, "हमारे सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा मानसून सत्र में लोगों के मुद्दे उठाने की वजह से सस्पेंड रहेंगे, लेकिन उनके सस्पेंशन के बावजूद, हम CEC नियुक्ति विधेयक का कड़ा विरोध करने जा रहे हैं क्योंकि हम मोदी सरकार को इलेक्शन कमीशन के संवैधानिक रूप से मंजूर हक और तटस्थता को कुचलने की इजाजत नहीं दे सकते. हम अडानी मामले में जेपीसी जांच की भी मांग करने जा रहे हैं, क्योंकि हालिया ओसीसीआरपी रिपोर्ट से सेबी की तरफ से की गई कमजोर जांच का खुलासा हुआ है."
चुनाव के लिए खास सत्र का इस्तेमाल
उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई और रिकॉर्ड बेरोजगारी के मुद्दे पर वे सरकार से एक खास कार्य योजना मांगने जा रहे हैं, जो 2024 के लिए भाजपा की इलेक्शन मुहिम को शुरू करने के लिए खास सत्र का इस्तेमाल करना चाहती है.