Ayodhya: अयोध्या विकास प्राधिकरण ने धन्नीपुर मस्जिद के नक़्शे को पास कर दिया है. मस्जिद बनाने के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को ज़मीन दी गई थी, जिसके निर्माण को ADA ने अंतिम मंज़ूरी दे दी है. रमज़ान के ख़त्म होने के बाद ट्रस्ट की एक अहम मीटिंग होगी.
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Dhannipur Masjid Construction: अयोध्या विकास प्राधिकरण ने धन्नीपुर मस्जिद की तामीर के अंतिम फ़ैसले पर मुहर लगा दी है. अयोध्या विकास प्राधिकरण (ADA) ने शुक्रवार को यहां धन्नीपुर मस्जिद के निर्माण को अपनी अंतिम मंज़ूरी दे दी. बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि फैसले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सरकार ने अयोध्या ज़िले के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ ज़मीन दी थी जिस पर 'इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन' ट्रस्ट द्वारा एक मस्जिद, अस्पताल, रिसर्च सेंटर, सामुदायिक रसोई और एक लाइब्रेरी का निर्माण कराया जाना है. मंज़ूरी न मिलने और एडीए द्वारा भूमि उपयोग के परिवर्तन के मामले की वजह से मस्जिद के निर्माण में दो साल से ज़्यादा समय की देर हुई.
रमज़ान के बाद ट्रस्ट की मीटिंग
अयोध्या के संभागीय आयुक्त और एडीए के सद्र गौरव दयाल ने शनिवार को न्यूज़ एजेंसी से कहा, "हमने शुक्रवार को हुई बोर्ड मीटिंग में अयोध्या मस्जिद के प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दे दी है. कुछ विभागीय औपचारिकताओं के बाद मंज़ूरशुदा नक़्शे कुछ दिनों में इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को सौंप दिए जाएंगे". ट्रस्ट के सेक्रेटरी अतहर हुसैन ने बताया कि सभी मंज़ूरी मिलने के बाद एक मीटिंग की जाएगी और मस्जिद के निर्माण के मंसूबे को अंतिम रूप दिया जाएगा. हुसैन ने कहा, "रमज़ान के ख़त्म होने के बाद ट्रस्ट की मीटिंग होगी. उस मीटिंग में मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू करने की तारीख़ को अंतिम रूप दिया जाएगा.
बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी यह मस्जिद:अतहर हुसैन
ट्रस्ट के सेक्रेटरी अतहर हुसैन ने बताया कि "हमने 26 जनवरी, 2021 को मस्जिद की बुनियाद रखी थी, हमने इस दिन को अयोध्या मस्जिद की नींव रखने के लिए चुना क्योंकि सात दशक पहले इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था". हुसैन ने आगे बताया कि "धन्नीपुर मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी. तीर्थनगरी में राम मंदिर स्थल से धन्नीपुर मस्जिद स्थल लगभग 22 किमी दूर है". ग़ौरतलब है कि नौ नवंबर, 2019 को अपने फ़ैसले में सु्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का हुक्म दिया था और सरकार से ज़िले में एक अहम जगह पर मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ ज़मीन अलॉट करने को कहा था.
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