Azam Khan Hate Speech Case: सपा दिग्गज नेता आजम खान के खिलाफ हेट स्पीच का केस दर्ज करने वाले वादी ने अपनी शिकायत वापस ले ली है. जिसके बाद एमपी/एमएलए अदालत ने निचली अदालत के आदेश पलट दिया. पढ़िए पूरी खबर
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Azam Khan Hate Speech Case: समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता आजम खान (Azam Khan) को बड़ी राहत मिली है. दरअसल हेट स्पीच मामले में केस दर्ज करवाने वाले ने यह कहते हुए अपनी शिकायत वापस ले ली है,"मैंने DM आंजनेय सिंह के दबाव में यह शिकायत की थी." एमपी एमएलए कोर्ट के जज अमित वीर सिंह ने शिकायतकर्ता अनिप कुमार चौहान का बयान दर्ज कर निचली अदालत के उस फैसले को पलट दिया जिसमें सपा नेता को 3 साल की सजा सुनाई गई थी.
अदालत यह भी माना कि आजम खान ने कोई सांप्रदायिक बयान नहीं दिया था और ना ही उनका बयान हिंसा भड़काने वाला था. सपा नेता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले अनिल कुमार चौहान ने कहा कि उन्होंने जिला डीएम आंजनेय सिंह के दबाव के चलते यह शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद अदालत ने भी यह पाया कि डीएम आंजनेय सिंह और आजम परिवार के बीच रिश्तों में बहुत खटास थी.
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अदालत ने यह भी कहा कि डीएम चाहते तो खुद भी टिप्पणियां करते हुए कहा कि वो खुद भी शिकायत दर्ज करा सकते थे लेकिन इसके लिए उन्होंने अनिल चौहान पर दबाव बनाया. इसके अलावा अदालत ने आजम खान वो बयान सांप्रदायिक नहीं था और ना ही उनके बयान में हिंसा भड़काने जैसा कुछ था.
अदालत ने कहा कि IPC की धारा 153-A (दुश्मनी को बढ़ावा देना), 505-1 (सार्वजनिक शरारत) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 के तहत आने वाले जुर्म के मूल तत्व शिकायत में कहीं नहीं पाए गए. अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसलों का संदर्भ लिया और कहा कि सबूत धारा 65-बी (बयान वाले इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की पहचान करना और इसे पेश करने के तरीके का वर्णन करना) का पालन नहीं किया गया था.
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