Adani Group reaction on Hindenburg Research Report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट सामने आने के बाद से हंगामा मचा हुआ है. अब अडानी ग्रुप ने 10 अगस्त देर शाम आई रिपोर्ट पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है.
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Adani Group reaction on Hindenburg Research Report: अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट सामने आई है. जिसमें SEBI और अडाणी ग्रुप को लेकर चौंकाने वाला दावा किया गया है. जिससे देश में हंगामा मच गया है. विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर है. इस बीच, सेबी के चेयरपर्सन ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए हिंडनबर्ग पर गंभीर आरोप लगाया है.
अब अडानी ग्रुप ने इस रिपोर्ट पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. आडाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज किया है. इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए अडानी ग्रुप ने कहा, "उसका SEBI चीफ माधबी पुरी बुच के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है, जिसका दावा हिंडनबर्ग रिपोर्ट में किया गया है."
अडाणी ग्रुप ने अपने खिलाफ लगे इल्जामों को भी खारिज करते हुए कहा, "वह अपनी कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों को खारिज करता है और अपनी बात दोहराता है कि उसकी विदेशी होल्डिंग का ढांचा पूरी तरह पारदर्शी है. अडाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट पर एक दिन बाद प्रतिक्रिया दी है.
Adani Group issues a statement on the latest report from Hindenberg Research.
The latest allegations by Hindenburg are malicious, mischievous and manipulative selections of publicly available information to arrive at pre-determined conclusions for personal profiteering with… pic.twitter.com/WwKbPLTkrv
— ANI (@ANI) August 11, 2024
हिंडनबर्ग का आरोप
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विनोद अडानी और उनके करीबी सहयोगी और सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच दोनों ने कुछ विदेशी फंडों में निवेश किया था. इसके साथ ही हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के बारे में कहा गया है कि उसने कंपनियों का जाल बुना और फंड को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया. इसके बाद से ही देश में बवाल मच गया है. चारों तरफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की बात हो रही है.
सेबी चीफ ने दी है सफाई
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, माधबी बुच और उनके शौहर ने कहा है- "हम यह बताना चाहते हैं कि हम अपने खिलाफ लगाए गए बेबुनियाद आरोपों का खंडन करते हैं. हमारा जीवन और हमारे वित्तीय खाते एक खुली किताब की तरह हैं और पिछले कुछ सालों में सेबी को सभी जरूरी जानकारी दे दी गई है. हमें किसी भी दूसरे वित्तीय दस्तावेज का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, जिसमें वे दस्तावेज भी शामिल हैं जो उस समय के हैं जब हम आम नागरिक हुआ करते थे."