IIT Abu Dhabi: विदेशो में अब भारतीय छात्रों का पढ़ना आसान हो जाएगा. पिछले हफ्ते आईआईटी मद्रास ने तंजानिया में एक अपना कैंपस स्थापित किया है. अब संयुक्त अरब अमीरात में आईआईटी दिल्ली का एक कैंपस खुलने जा रहा है.
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IIT Abu Dhabi: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और अबू धाबी के शिक्षा और ज्ञान विभाग (ADEK) ने शनिवार को खाड़ी देश में आईआईटी दिल्ली परिसर स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की एक दिवसीय दौरे पर है.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली आईआईटी मद्रास के बाद ऑफशोर कैंपस स्थापित करने की घोषणा करने वाला दूसरा आईआईटी है. आपको बता दें कि पिछले हफ्ते आईआईटी मद्रास ने तंजानिया के ज़ांज़ीबार में एक परिसर स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर लिखा कि "माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी की उपस्थिति में अबू धाबी में आईआईटी दिल्ली परिसर की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन भारत की शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण में एक नया अध्याय खोलता है. नए भारत के नवाचार और विशेषज्ञता का एक उदाहरण संयुक्त अरब अमीरात में आईआईटी दिल्ली परिसर भारत और संयुक्त अरब अमीरात की दोस्ती की एक इमारत होगी. यह पारस्परिक समृद्धि और वैश्विक भलाई दोनों के लिए ज्ञान की शक्ति का लाभ उठाने के लिए एक नया टेम्पलेट स्थापित करेगा जैसा कि एनईपी में कल्पना की गई है."
जानकारी के लिए बता दें कि मास्टर पाठ्यक्रम अगले साल जनवरी से आईआईटी दिल्ली के अबू धाबी परिसर में पढ़ाया जाएगा. वहीं स्नातक डिग्री सितंबर 2024 से पढ़ाया जाएगा.
प्रधानमंत्री का UAE दौरा
द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अबू धाबी में हैं और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ बातचीत कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि "उन्हें उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार जल्द ही 100 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा. क्योंकि वर्तमान में यह 85 अरब डॉलर है.
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि "भारत और यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है और प्रधानमंत्री की यात्रा ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, खाद्य सुरक्षा, फिनटेक, रक्षा और संस्कृति जैसे विभिन्न क्षेत्रों में इसे आगे बढ़ाने के तरीकों की पहचान करने का अवसर होगी." इसमें वैश्विक मुद्दों पर सहयोग पर चर्चा करने का भी अवसर होगा. विशेष रूप से यूएई की COP-28 की अध्यक्षता और भारत की G-20 की अध्यक्षता कर रहा है. G-20 में UAE एक "विशेष आमंत्रित सदस्य" है."
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