Jammu and Kashmir Election Result 2024: महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा चल रही है पीछे, जानें उमर अब्दुल्लाह का हाल?
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Jammu and Kashmir Election Result 2024: महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा चल रही है पीछे, जानें उमर अब्दुल्लाह का हाल?

Jammu and Kashmir Election Result 2024: जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए तीन फेज में वोटिंग हुई थी. पहले फेज के तहत 18 सितंबर, दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर और तीसरे फेज के तहत 1 अक्टूबर को यहां मतदान हुआ था. आज नतीजे आ रहे है.

Jammu and Kashmir Election Result 2024: महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा चल रही है पीछे, जानें उमर अब्दुल्लाह का हाल?

Jammu and Kashmir Election Result 2024: जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा इलेक्शन के नतीजे आज आ रहे हैं. शुरुआती रुझानों में जम्मू-कश्मीर में एनसी और कांग्रेस बहुमत के आंकड़े तक पहुंच गई है, लेकिन राज्य में कई दिग्गज नेता पीछे चल रहे हैं. पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा अपनी बिजबेहरा सीट से पीछे चल रही हैं और बीजेपी के कद्दावर नेता रविंद्र रैना भी पीछे चल रहे हैं. वहीं, पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला बडगाम और गंदेरबल दोनों सीटों पर आगे चल रहे हैं. अब देखना यह है कि इस इलेक्शन में कौन सी पार्टी अपना झंडा गाड़ने में कामयाब होती है और किसे निराशा हाथ लगती है. 

आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार हो रहे इलेक्शन
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों के लिए तीन फेज में वोटिंग हुई थी. पहले फेज के तहत 18 सितंबर, दूसरे चरण के तहत 25 सितंबर और तीसरे चरण के तहत 1 अक्टूबर को यहां मतदान हुआ था. इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने गठबंधन कर इलेक्शन लड़ा था, जबकि महबूबा मुफ्ती की पीडीपी और भारतीय जनता पार्टी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ रही थी. आर्टिकल 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में पहली बार चुनाव हुए.

शुरुआती नतीजे में कौन है आगे
दरअसल, जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा इलेक्शन हुए है. आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, वोटों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू होगी. शुरुआती रुझान में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन 46 सीट पर आगे है और बीजेपी 26 सीटों पर आगे चल रही है. जबकि पीडीपी 4 सीटों पर आगे हैं और स्वतंत्र कैंडिडेट 14 सीटों पर आगे चल रहे हैं.

निर्दलीयों का अहम भूमिका
ऐसे में माना जा रहा है कि निर्दलीय इस चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं. राज्य में पिछली बार पीडीपी और बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाने में कामयाब हुई थी. हालांकि यह गठबंधन ज्यादा दिनों तक नहीं चला और सरकार गिर गई, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया था. इसके बाद राज्य से आर्टिकल 370 को रद्द कर दिया गया था.

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