ये नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों ही हो सकता है. ओवर एक्टिव ब्रेन में नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों ही विचार आ सकते हैं.
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ओवर एक्टिव ब्रेन दो स्थिति में हो सकता है. पहला, पूरे दिन में आपके साथ कुछ बहुत बुरा हुआ हो, जिसे आप चाह के भी भूला नहीं पा रहे और आपको दिमाग वो बात सोच रहा. दूसरा, पूरे दिन में आपके साथ कुछ बहुत अच्छा हुआ हो, जिसका एक्साइटमेंट आपके दिमाग में घूम रहा हो.
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ओवर एक्टिव ब्रेन की इस स्थिति में नींद बुरा तरह प्रभावित हो जाता है. पहले आपकी रात की नींद खराब होती है और फिर दूसरा दिन खराब होता है. अगर इसे सुधारा न जाए, तो ये आपकी रूटीन बन जाता है. एक समय के बाद इसे सुधारना मुश्किल हो जाता है.
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मसल रिलैक्स- स्ट्रेस से दूर रहने की कोशिश करें. एक सपाट जगह पर बॉडी को ढीला छोड़ कर लेट जाएं. गहरी सांस लें और दिमाग को शांत करें. ऐसा करने से नींद आ जाएगी.
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रूटीन- सोने की रूटीन बनाए. सोने और जागने के लिए एक समय सुनिश्चित कर लें. उस वक्त ही सोने और जागने की आदत डालें.
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लिखें- अगर दिमाग में ज्यादा बात चल रही है और आप सो नहीं पा रहें, तो अपने विचारों को लिखना शुरू कर दें. लिखने से दिमाग को सुकून मिलता है और नींद जल्दी आती है.
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स्क्रीन टाइम- सोने से पहले फोन को बिल्कुल छोड़ दें. सोने से पहले स्क्रीन देखने से नींद गायब हो जाती है.
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Disclaimer: इस खबर में बताई गई बातें सामान्य जानकारी पर आधारित है. किसी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
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