Sonia Gandhi Parliament: सोनिया गांधी बिल पर चर्चा के दौरान भावुक हो गईं. उन्होंने अपने जीवन साथी राजीव गांधी का जिक्र किया और इस बिल को राजीव गांधी का सपना बताया.
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Sonia Gandhi Parliament: पार्लियामेंट के स्पेशल सेशन का आज तीसरा दिन है. आज महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा हो रही है, जिसको लेकर सोनिया गांधी ने अपनी बात रखी है. उन्होंने बिल की हिमायत करने की बात कही है. इसके साथ ही कई मामलों में सरकार पर सवाल भी खड़े किए हैं. सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस इस बिल का समर्थन करती है और सरकार को इसको जल्द से जल्द अमल में लाना चाहिए. अपने भाषण के दौरान सोनिया गांधी ने राजीव गांधी का भी जिक्र किया और इसे एक मार्मिक पल बताया.
सोनिया गांधी ने कहा कि मैं आज पार्लियामेंटम में नारी शक्ति बंधन अधिनियम 2023 की हिमायत में खड़ी हुई हूं. धुएं भरी रसोई से लेकर रोशनी से जगमगाते स्टेडियम तक भारत की स्त्री का सफर काफी लंबा है, लेकिन आखिरकार उसने मंजिल को पा लिया है.
सोनिया गांधी कहती हैं, "आजादी की लड़ाई से लेकर नए भारत के मोर्चे पर स्त्री पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ी है. सरोजिनी नायडू, सुचेता कृपलानी, अरुणा आसफ अली, विजयलक्ष्मी पांडे और राजकुमारी अमृत कौर से लेकर कई और महिलाओं ने आजतक मुश्किल वक्त में हर बार महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, बाबा साहेब आम्बेडकर और मौलाना आजाद के सपनों को जमीन पर उतारा है.
सोनिया गांधी ने कहा, "यह मेरी जिंदगी का एक मार्मिक पल है. पहली दफा स्थानीय निकायों में औरतों की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन बिल मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लाए थे, जो राज्यसभा में सात वोटों से पास नहीं हो पाया था. बाद में नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने ही उसे पास कराया. आज उसी का नतीजा है कि हमारे पास स्थानीय निकायों में 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं."
मेरी जिंदगी का यह बहुत ही मार्मिक क्षण है।
पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी जी ही लाए थे।
जिसका नतीजा है कि देशभर के स्थानीय निकायों के जरिए हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं।
राजीव गांधी जी का सपना… pic.twitter.com/1PlHNF9rQN
— Congress (@INCIndia) September 20, 2023
सोनिया गांधी ने कहा कि अभी तक राजीव गांधी जी का सपना अधूरा है, यह बिल पास होने के बाद ही उनका सपना पूरा होगा. कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. हमें इस बिल के पास होने से खुशी है, लेकिन एक चिंता भी है.
सोनिया गांधी ने कहा कि पिछले 13 सालों से भारतीय महिलाएं अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतेजार कर रही हैं. उन्हें और इंतेजार करने के लिए कहा जा रहा है. इंडियन नेशनल कांग्रेस की मांग है कि यह बिल तुरंत अमल में लाया जाए, लेकिन इसके साथ ही कास्ट सेनसस कराकर SC, SC और ST की महिलाओं की आरक्षण का इंतेजाम किया जाए.
सोनिया गांधी के इस भाषण के बाद निशिकांत दुबे ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा,"हम बिल लाएं तो कांग्रेस को दर्द हो रहा है. पीएम मोदी ने सारे देश में शौचालय बनवाकर महिलाओं को सम्मान दिया. अभी सोनिया गांधी कह रही हैं कि बिल जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए. संविधान में कहा गया है कि राज्यसभा में कोई रिजर्वेशन नहीं होगा, फिर कैसे आरक्षण दिया जाए. आप लॉलीपोप बनाकर ये बिल घुमाते रहे. आर्टिकस 82 में बिल लागू करने की पूरी प्रक्रिया लिखी गई है.
संसद में आखिरी सेशन के दौरान पीएम मोदी ने कहा था कि दोनों सदनों में अब तक 7500 से अधिक जन प्रतिनिधियों ने काम किया है, जबकि महिला प्रतिनिधियों की संख्या करीब 600 रही है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि महिला के योगादन ने सदन की गरिमा बढ़ान में मदद की है.
ज्ञात हो कि महिला आरक्षण बिल 1996 से ही अधर में लटका हुआ है. एचडी देवागौड़ा सरकार ने 12 सितंबर 1996 को इस बिल को संसद में पेश किया था. लेकिन यह पारित नहीं हो सका. इसे 81वें संविधान संशोधन बिल के तौर पर पेश किया गया था.