Supreme Court on Kushinagar Mosque: मस्जिद के एक हिस्से को अवैध बताकर गिराने के लिए जिम्मेदार उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई थी.
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Supreme Court on Kushinagar Mosque: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में मस्जिद पर बुलडोजर चलाने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने डीएम को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने डीएम समेत सभी जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी कर कहा कि अवमानना करने वाले अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा. याचिका में आरोप लगाया गया है कि बुलडोजर चलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दिए गए दिशा-निर्देशों की अवहेलना करते हुए यह कार्रवाई की गई है. इसके लिए पहले से कोई सूचना नहीं दी गई और कोई भी नोटिस भी नहीं दिया गया.
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने डीएम को नोटिस जारी कर स्पष्ट किया है कि अभी उस जगह पर कोई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नहीं की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों न की जाए. कोर्ट ने कहा कि अगले आदेश तक ध्वस्तीकरण की कार्रवाई न की जाए.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, मस्जिद के एक हिस्से को अवैध बताकर गिराने के लिए जिम्मेदार उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई थी. याचिका में आरोप लगाया गया था कि मदनी मस्जिद पर बुलडोजर की कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के 13 नवंबर 2024 को दिए गए फैसले का उल्लंघन है.
सुप्रीम कोर्ट का क्या था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई पर ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए मनमानी कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने कहा था कि निर्धारित कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना मनमाने ढंग से बुलडोजर एक्शन नहीं लिया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना मनमाने ढंग से की गई बुलडोजर कार्रवाई को अराजकता और अराजकता करार दिया था. कोर्ट ने कहा था कि इस तरह से की गई कार्रवाई का संविधान में कोई स्थान हीं है. कोर्ट ने कहा था कि किसी के खिलाफ कार्रवाई करने से 15 दिन पहले नोटिस और सुनवाई का मौका देना चाहिए.