Tiger Reserve: मध्य प्रदेश के सागर जिले के नौरादेही अभयारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है. ये टाइगर रिजर्व, वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाएगा. अब तक, मध्य प्रदेश 6 टाइगर रिजर्व कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच, पन्ना और संजय-डुबरी का घर था.
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Tiger Reserve: एमपी को 7वां टाइगर रिजर्व मिल गया है. राज्य के सागर जिले के नौरादेही अभयारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया है. ये टाइगर रिजर्व, वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व के नाम से जाना जाएगा. मध्य प्रदेश ने 2022 की पशुगणना में प्रदेश के ‘बाघ स्टेट’ का दर्जा बरकरार रखा और राज्य में बाघों की संख्या 785 हो गई जो 2018 में 526 थी.
एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जंगली जानवरों के हिफाजत को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य के तहत मुख्तलिफ इलाकों को नोटिफाई किया है.
अब तक, मध्य प्रदेश 6 टाइगर रिजर्व कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच, पन्ना और संजय-डुबरी का घर था. अधिकारी ने कहा कि केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना को मंजूरी देते वक्त केंद्र के जरिए लगाई गई शर्तों के अनुपालन में, सागर, दमोह और नरसिंहपुर जिलों में फैले नए टाइगर रिजर्व को नोटिफाई किया गया है.
अधिकारी ने कहा कि वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश का 7वां टाइगर रिजर्व बन गया है. इसमें लगभग 1,414 वर्ग किलोमीटर को कोर इलाके में और 925.12 वर्ग किलोमीटर को बफर जोन में शामिल किया गया है. अधिकारी ने कहा कि इस टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कोई नया राजस्व इलाके को शामिल नहीं किया गया है, इसलिए इसके आसपास रहने वाले स्थानीय लोगों पर कोई अतिरिक्त बैन नहीं लगाया जाएगा.
इस टाइगर रिजर्व सहित इलाकों को पहले से ही अभयारण्य या पर्यावरण-संवेदनशील इलाकों के रूप में नोटिफाई किया गया है. इस साल जुलाई में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान के जरिए जारी रिपोर्ट ‘स्टेटस ऑफ टाइगर्स को-प्रीडेटर्स एंड प्रे इन इंडिया-2022’ के मुताबिक, मुल्क में बाघों की सबसे अधिक संख्या मध्य प्रदेश (785) में है. इसके बाद कर्नाटक (563) और उत्तराखंड (560) आते हैं.
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