Urdu Poetry in Hindi: मोहब्बत वो बुरी शय है कि हालत ऐसी होती है...

Siraj Mahi
Feb 03, 2025

आइने मैं दिखा के कहता हूँ, आप ही हैं कि दूसरा कहिए

वो नैरंगियाँ उन के रोने में भी, कि हँसते रहे सब हसीं देर तक

ज़िक्र करता है इस तरह मेरा, मुझ को गोया मिटाए जाता है

अपना सानी वो आप ही निकले, आइना भी दिखा के देख लिया

तू सर न गूँध कि शागिर्द होने वाला है, मिरा नसीब तिरे लम्बे लम्बे बालों का

अगर नज़ारा है मंज़ूर खस्ता-हालों का, तो आओ खोल दें जूड़ा तुम्हारे बालों का

जल्वा निगाह में है किसी बे-नियाज़ का, पुतली हमारी आँख की पुतला है नाज़ का

मुझे तुम देख कर समझो कि चाहत ऐसी होती है, मोहब्बत वो बुरी शय है कि हालत ऐसी होती है

तिरे कूचे में कोई हूर आ जाती तो मैं कहता, कि वो जन्नत तो क्या जन्नत है जन्नत ऐसी होती है

VIEW ALL

Read Next Story