Pakistani highest grossing film The Legend of Maula Jatt to release in India: उरी हमले के बाद पाकिस्तानी कलाकारों का भारतीय फिल्मों में काम करना और यहां आकर लाइव प्रस्तुति देने पर रोक लगा है, जबकि 2011 के बाद से भारत में किसी पाकिस्तानी फिल्म को रिलीज नहीं किया गया है.
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मुंबईः पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान और माहिरा खान अभिनीत फिल्म 'द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ (The Legend of Maula Jatt) के शुक्रवार को भारत में बड़े पर्दे पर रिलीज होने की संभावना है. पिछले एक दशक में बाद कोई पाकिस्तान फिल्म भारत में रिलीज होगी. इससे पहले 2011 में पाकिस्तानी फिल्म ’बोल’ को भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज किया गया था. 2008 में नंदिता दास और राशिद फारूकी अभिनीत 'रामचंद पाकिस्तानी’ और 'खुदा के लिए’, जैसी पाकिस्तानी फिल्म भारत में रिलीज हो चुकी हैं.
आईनॉक्स लीजर लिमिटेड के मुख्य कार्यक्रम अधिकारी राजेंद्र सिंह ज्याला ने कहा, “यह पंजाब और दिल्ली के कुछ सिनेमाघरों में आईनॉक्स में दिखाया जाएगा, जहां पंजाबी बोलने वाले लोगों की अच्छी खासी तादाद है.“ मल्टीप्लेक्स चेन पीवीआर सिनेमाज ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पेज पर भी इस फिल्म के भारत में रिलीज की घोषणा साझा की थी, लेकिन बाद में इसे हटा दिया था.
सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म
एक्शन ड्रामा फिल्म 'द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ पाकिस्तान में अब तक कि सबसे ज्यादा कमाई करने वाली 10 मिलियन अमरीकी डालर की पाकिस्तानी फिल्म बन गई है. इसे 13 अक्टूबर को पाकिस्तान में रिलीज़ किया गया था. बिलाल लशारी द्वारा निर्देशित, 'द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट’ 1979 की क्लासिक 'मौला जट्ट’ का एक रूपांतरण है. निर्माताओं ने कहा है कि यह न तो रीमेक है और न ही सीक्वल.
माहिरा और फवाद खान भारत में भी हैं लोकप्रिय
इस फिल्म के अदाकार माहिरा और फवाद खान अपने लोकप्रिय पाकिस्तानी नाटक 'हमसफर’ और बॉलीवुड के माध्यम से भी भारतीय दर्शकों के बीच पहले से लोकप्रिय हैं. फवाद खान 'खूबसूरत’, 'कपूर एंड संस’ और 'ऐ दिल है मुश्किल’ जैसी भारतीय फिल्मों में काम कर चुके हैं, जबकि माहिरा शाहरुख़ ख़ान अभिनीत 'रईस’ में नजर आ चुकी हैं. इस साल नवंबर में, धर्मशाला अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सईम सादिक की 'जॉयलैंड’ भी दिखाई गई, जो 95वें अकादमी पुरस्कारों में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म श्रेणी में पाकिस्तान की आधिकारिक प्रविष्टि है. 'खुदा के लिए’ भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के आधिकारिक चयन में शामिल होने वाली पहली पाकिस्तानी फिल्म थी.
कोविड की वजह से फिल्म के रिलीज में हुई देरी
'द लीजेंड ऑफ़ मौला जट्ट’ का निर्माण जनवरी 2017 में शुरू हुआ था और जून 2019 में खत्म हुआ. फिल्म को शुरू में 2019-2020 में कई तारीखों पर रिलीज करने की घोषणा की गई थी, लेकिन कॉपीराइट संबंधी मुद्दों और कोविड-19 महामारी की वजह से इसमें देरी होती रही. उरी में 2016 के आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी अभिनेताओं को भारतीय फिल्मों में कास्ट किया जाना बंद हो गया था, जिसमें 19 भारतीय सेना के जवान शहीद हो गए थे. यह फैसला विभिन्न राजनीतिक संगठनों द्वारा पाकिस्तानी कलाकारों को भारतीय फिल्मों में काम करने और यहां लाइव पेशकश देने से प्रतिबंधित करने की मांग के बीच आया है.
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