Tubeless Vs Tube Tires: कार हो या बाइक मार्केट में बिकने वाले टायर को लेकर हमेशा संदेह होता है कि कौन सा टायर व्हीकल्स के लिए सही होगा, ट्यूबलेस या फिर ट्यूब वाले टायर्स. ऐसे में हम आज आपको बताने जा रहे हैं कि कार के लिए कौन सा टायर सहीं होता है.
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Tubeless Vs Tube Tires: भारत में कार खरीदना अपने आप में एक बड़ा इन्वेस्टमेंट है. ऐसे में अब उसके रखरखाव और मेंटेनेंस का खर्चा एक अलग मुसीबत लेकर आता है. मार्केट में बिकने वाले अलग-अलग टायर कार मालिक को कन्फ्यूज करते हैं कि उनकी गाड़ी के लिए कौन सा टायर अच्छा होगा.... ट्यूबलेस या फिर ट्यूब वाले टायर्स. ऐसे में हम आज आपको बताने जा रहे हैं कि किस टायर को लगाने के क्या फायदे और नुकसान है. आईए जानते हैं.
ट्यूबलेस टायर्स
ट्यूबलेस टायर का सबसे बड़ा फायदा है उसका कम पंक्चर होना. अगर ट्यूबलेस टायर्स पंक्चर हो भी जाती है तो उसके अंदर की हवा धीरे-धीरे निकलती है, इससे गाड़ी चलाने वाले का बैलेंस नहीं बिगड़ता और वह बड़े हादसे से बच जाता है. ट्यूबलेस टायर्स वजन में काफी हल्के होते हैं, जिसकी वजह से कार तेज गति से भागती है और पेट्रोल भी कम खर्चा होता है. ट्यूबलेस टायर्स में नार्मल टायर के मुकाबले कम गर्मी पैदा होती है, जिसकी वजह से ये ज्यादा दिन तक चलती है. ट्यूबलेस टायर्स का पंक्चर सीलेंट की मदद से ठीक कर दिया जाता है, जोकि बहुत आसान काम है. अब बात करते हैं इसके नुकसान की.. ट्यूबलेस टायर्स नार्मल टायर के मुकाबले काफी महंगे होते हैं. इसका पंक्चर बनाने के बाद ये थोडे़ दिन में खराब भी हो जाता है.
ट्यूब वाले टायर्स
वहीं ट्यूब वाले टायर्स ट्यूबलेस टायर्स के मुकाबले सस्ते मिलते हैं. इसके पंक्चर को बनाने के लिए ट्यूब को बाहर निकालना पड़ता है, लेकिन इसका पंक्चर बनने में कम पैसा खर्च होता है. अगर बात इसके नुकसान की करें तो इस टायर से पंक्चर होने पर हवा तेजी से बाहर निकलता है, जिससे किसी बड़े हादसे की आशंका बनी रहती है.
इस टायर में गर्मी ज्यादा पैदा होती है.
कौन सा टायर है बेस्ट
यहां आपको बता दें कि ट्यूबलेस टायर्स सुरक्षा के लिहाज से बिल्कुल सही है, ये लंबी दूरी के लिए भी महफूज माना जाता है. लेकिन वहीं अगर किसी का बजट कम है तो वह ट्यूब वाले टायर खरीद सकता है, लेकिन इसे लोकल सफर के लिए इस्तेमाल करें, वरना आपको बार-बार पंक्चर बनाने के लिए मेकैनिक की दुकान पर रुकना पड़ेगा.