Vishakapatnam Vadlapudi Workshop: कुछ साल पहले की ही बात है जब देश में चलने वाली मालगाड़ियों के डिब्बों में खराबी होने पर उन्हें स्क्रैप के दाम में बेच दिया जाता था. लेकिन अब उन डिब्बों को मरम्मत कर दोबारा पटरी पर उतारा जा रहा है. इन डिब्बों की मदद से सामान को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से ले जाया जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि इन डिब्बों की मरम्मत किस तरह और कहां पर की जाती है.
मालगाड़ी के डिब्बों की मरम्मत का काम अलग-अलग रेलवे जोन में किया जाता है. पिछले दिनों जी न्यूज की डिजीटल टीम ने विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) के वाडलापुरी में स्थित माल डिब्बा मरम्मत कारखाने का मुआयना किया. इस दौरान देखा कि मालगाड़ियों के डिब्बों में खराबी आने पर इन्हें किस तरह से रिपेयर किया जाता है. आइए जानते हैं इससे जुड़ा पूरा प्रोसेस-
वाडलापुरी में स्थित माल डिब्बा मरम्मत कारखाने 203 एकड़ में फैला है. इसके 93 एकड़ हिस्से में वर्कशॉप एरिया है. यहां पर सालाना 2400 मालगाड़ी डिब्बों को मरम्मत करने का टारगेट रखा गया है. डिप्टी चीफ मेकेनिकल इंजीनियर जेवी अप्पा राव ने बताया कि यह वाडलापुरी स्थित कारखाने को 2021 में शुरू किया गया था.
उन्होंने बताया कि हर छह साल में मालगाड़ी के डिब्बों को मरम्मत के लिये यहां पर लाया जाता है. कारखाने में डिब्बे के आने के बाद बॉडी, बोगी और व्हील को अलग करने के बाद एक-एक हिस्से की रिपेयर की जाती है. अप्पा राव ने बताया कि एक डिब्बे की रिपेयर में टीम को छह से सात दिन का समय लगता है.
अप्पा राव के अनुसार वाडलापुरी वर्कशॉप में हर महीने करीब 300 डिब्बों की रिपेयर की जा रही है. उन्होंने बताया कि रेलवे के नियमानुसार हर छह साल पर डिब्बे की रिपेयर होना जरूरी होता है. यह टाइम पूरा होने पर मालगाड़ी के डिब्बों को रिपेयर के लिए भेज दिया जाता है.
यह कारखाना कई मामलों में खास है. यहां पर यूनि-फ्लो सिस्टम में मालगाड़ी के डिब्बों की मरम्मत की जाती है. यानी डिब्बों की कारखाने में एक साइड से एंट्री करके उनकी रिपेयर करके दूसरी तरफ से बाहर निकाल दिया जाता है. इसका फायदा यह होता है कि कोच की एक साथ कई डिब्बों में अलग-अलग रिपेयरिंग का काम किया जा सकता है.
डिब्बों को लिफ्ट के जरिये ऊपर उठाने के बाद इनके पहियों को हटाकर चेक किया जाता है. किसी भी तरह की रिपेयर की जरूरत पड़ने पर इन्हें ठीक किया जाता है. जब पहियों की पूरी तरह रिपेयरिंग और सर्विस हो जाती है. इसके बाद डिब्बे को फिर से पहियों के ऊपर सेट कर दिया जाता है.
मशीन के जरिये मालगाड़ी के डिब्बों के पहियों को चेक किया जाता है. पहियों में किसी भी तरह की दिक्कत होने यहां उसकी मरम्मत की जाती है. डिब्बों की अलग-अलग लेवल पर जांच होने के बाद उन्हें माल ढोने के लिए रवाना कर दिया जाता है.
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