सरकार के बजट में क्‍या होता है और यह क्यों जरूरी, आज व‍ित्‍त मंत्री से म‍िड‍िल क्‍लास को क्या-क्या उम्मीदें?
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सरकार के बजट में क्‍या होता है और यह क्यों जरूरी, आज व‍ित्‍त मंत्री से म‍िड‍िल क्‍लास को क्या-क्या उम्मीदें?

India Budget 2025: कभी शाम के 5 बजे पेश क‍िया जाने वाला बजट प‍िछले करीब 25 साल से सुबह 11 बजे पेश क‍िया जाता है. 1999 में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत स‍िन्‍हा ने सुबह 11 बजे बजट पेश क‍िये जाने की परंपरा डाली. उसके बाद सत्‍ता में आई यूपीए सरकार ने भी इसमें क‍िसी तरह का बदलाव नहीं क‍िया. 

सरकार के बजट में क्‍या होता है और यह क्यों जरूरी, आज व‍ित्‍त मंत्री से म‍िड‍िल क्‍लास को क्या-क्या उम्मीदें?

Union Budget 2025: अब से कुछ घंटे बाद व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण देश का आम बजट लोकसभा में पेश करेंगी. यह उनका लगातार आठवां बजट भाषण होगा. अब तक सबसे ज्‍यादा बार मोरारजी देसाई ने 10 बार बजट पेश क‍िया है. इसमें से दो बार उन्‍होंने अंतर‍िम बजट पेश क‍िया है. आम बजट को देश की इकोनॉमी का आईना कहा जाता है. इसमें सरकार की अनुमानित आमदनी और संभाव‍ित खर्च का ब्योरा पेश क‍िया जाता है. यून‍ियन बजट क्यों जरूरी है और इस बार के बजट से देश की जनता को क्या उम्मीद है, आइए जानते हैं व‍िस्‍तार से- 

  1. आम बजट क्या होता है : आम बजट सरकार का सालाना वित्तीय विवरण है. इसमें सरकार का आने वाले साल के लिए प्रस्तावित खर्च और राजस्व का ब्योरा देती है. यह देश के वित्तीय स्वास्थ्य और आर्थिक नीतियों को दर्शाता है. राजस्‍व के ब्‍योरे में सरकार को व‍िभ‍िन्‍न स्रोत से होने वाली आमदनी जैसे टैक्स, उत्पाद शुल्क और अन्य टैक्‍स की बात होती है. अगर व्‍यय की बात करें तो अलग-अलग क्षेत्रों में किए जाने वाले खर्च जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर के ल‍िए अनुमान पेश क‍िया जाता है. सरकार का खर्च आमदनी से ज्‍यादा होता है तो उसे राजकोषीय घाटा कहा जाता है.
  2. बजट क्यों जरूरी : भारत में सामाजिक और आर्थिक लिहाज से तमाम विविधताएं हैं. बजट एक योजना है जो व्यक्तियों, परिवारों, संगठनों और सरकारों को उनकी आमदनी और खर्च का प्रबंधन करने में मदद करती है. यह निर्धारित करने में मदद करती है क‍ि कितना पैसा आ रहा है और कितना जा रहा है. इसी प्रकार जनता पर शासन करने वाली सरकार के लिए जरूरी होता है कि वह उपलब्ध संसाधनों का सही से उपयोग करे. आमदनी और खर्च के संतुलन के जर‍िये क्षेत्रीय असमनताओं को दूर करे, रक्षा-सुरक्षा को मजबूत करे, कमजोर तबके को मजबूत करे, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं बेहतर करें. सही ढंग से बना हुआ बजट देश को विकास के रास्ते पर आगे ले जाता है.
  3. बजट की टाइमिंग: भारत में आम बजट आमतौर पर हर साल 1 फरवरी को पेश किया जाता है. यह परंपरा पिछले कुछ साल से चली आ रही है. पहले बजट फरवरी के लास्‍ट वर्क‍िग डे को पेश किया जाता था. 1999 में इसका समय बदला और तत्‍कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत स‍िन्‍हा ने सुबह 11 बजे बजट पेश किया. उसके बाद से बजट सुबह 11 बजे पेश किया जाता है. 2017 में बजट पेश करने की तिथि बदलकर 1 फरवरी कर दी गई. वित्त मंत्री लोकसभा में सुबह 11 बजे बजट भाषण पढ़ना शुरू करते हैं और दिनभर बजट पर चर्चा और बहस चलती है. संसद में बजट पास होने के बाद, इसे लागू किया जाता है.
  4. सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड: आज मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा और व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण का  लगातार आठवां बजट भाषण है. मोरारजी देसाई के नाम सबसे ज्‍यादा 10 बार बजट पेश करने का र‍िकॉर्ड है. लेक‍िन उन्‍होंने लगातार छह बार बजट पेश क‍िया था, ज‍िसमें से पांच बार पूर्ण बजट और एक बार अंतर‍िम बजट रहा. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नौ बार बजट पेश किया. प्रणब मुखर्जी ने भी वित्त मंत्री रहते हुए कुल आठ बजट पेश क‍िया. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 1991 से 1995 के बीच पांच बार बजट पेश किया.
  5. बजट 2025 से क्या उम्‍मीद: बढ़ती महंगाई और जीडीपी की रफ्तार को गत‍ि देने के लि‍ए वित्त मंत्री आर्थिक प्रोत्साहन दे सकती हैं. इस बार उम्‍मीद की जा रही है क‍ि सरकार मिडिल क्लास खासकर टैक्सपेयर्स को राहत दे सकती है. देश की जीडीपी ग्रोथ में सुस्ती को देखते हुए घरेलू खपत बढ़ाने के लिए इनकम टैक्स में छूट की मांग लगातार की जा रही है. उम्मीद है कि जा रही है सरकार आम आदमी और म‍िड‍िल क्‍लास के हाथों में ज्यादा पैसे पहुंचाने के लिए आयकर (Income Tax) के मोर्चे पर राहत देगी. सरकार कैप‍िटल एक्‍सपेंडीचर पर अपना फोकस करना जारी रखेगी.
  6. देश का पहला आम बजट कब पेश हुआ : भारत का पहला आम बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था. इसे तत्कालीन वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी ने पेश किया था. यह बजट स्वतंत्र भारत का पहला बजट था और इसमें देश की आर्थिक स्थिति का खाका प्रस्तुत किया गया था. 
  7. सबसे लंबा और छोटा बजट भाषण: भारत में सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम है. उन्होंने साल 2020 में 2 घंटे 42 मिनट का भाषण दिया था. जबकि सबसे छोटा बजट भाषण 1977 में तत्कालीन वित्त मंत्री हीरूभाई मुलजीभाई पटेल ने दिया था. इसमें केवल 800 शब्द थे.

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