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Nirmala Sitharaman: बजट के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाने को लेकर अपनी राय रखी. वित्त मंत्री ने एक टीवी चैनल के साथ बात करते हुए कहा कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर सहमति जताते हुए कहा कि ये राज्य सरकारों पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकारें प्रस्ताव पर सहमत होती हैं और उनके बीच उचित दर तय होती है तो पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है.
क्या जीएसटी के दायरे में आएंगे पेट्रोल-डीजल
वित्त मंत्री ने कहा कि अगर राज्य सरकारों के बीच सहमति बन जाती है तो पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाया जा सकता है. उन पर वैट के बजाय जीएसटी लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकारों के बीच तय दर पर सहमति बन जाती है तो जीएसटी में पेट्रोलियम उत्पाद शामिल होंगे. राज्यों की रजामंदी के बाद इसे तुरंत लागू किया जा सकता है.
क्या होगा अगर जीएसटी के दायरे में आ जाए पेट्रोल-डीजल
अगर पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में आ जाती है तो उससे तेल की कीमतों में कमी आएगी. जीएसटी के दायरे में आने के बाद पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले अलग-अलग टैक्स के बजाए सिर्फ एक टैक्स लगेगा. जिससे कीमतों में कमी आने के उम्मीद है. वहीं देशभर में इसकी एक कीमत होगी. जीएसटी के दायरे में आने से पेट्रोल-डीजल पर अधिकतम 28 प्रतिशत टैक्स लगेगा, जो मौजूदा जीएसटी स्लैब में सबसे अधिकतम है. बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2022 में ही पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए फैसला राज्यों पर छोड़ दिया था. उस वक्त सरकार ने कहा था कि अगर राज्य कदम उठाते हैं, तो केंद्र सरकार इसके लिए तैयार है, लेकिन राज्यों के बीच इसके लिए सहमति नहीं बन पा रही है.