Income Tax: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के बाद कई लोगों को इनकम टैक्स रिफंड आने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. जो लोग इनकम टैक्स रिफंड के लिए एलिजबल होते हैं, उन लोगों को इनकम टैक्स रिफंड मिलता है.
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Income Tax Return Filing: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की जरूरत हर उस टैक्सपेयर को पड़ती है, जिसकी इनकम टैक्सेबल होती है. वहीं, इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के बाद योग्य लोगों को इनकम टैक्स रिफंड भी मिलता है. हालांकि, कई बार आईटीआर रिफंड मिलने में देरी का सामना भी करना पड़ता है. ऐसे में हम यहां आपको कुछ उपाय बताने वाले हैं, जिनको अपनाकर जल्दी इनकम टैक्स रिफंड को हासिल किया जा सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में...
सही फॉर्म का चुनाव करें
इनकम टैक्स रिफंड पाने के लिए टैक्सपेयर्स को कुछ दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए. इसके लिए सही आईटीआर फॉर्म का चयन करना चाहिए. सही फॉर्म का उपयोग यह सुनिश्चित करता है कि रिटर्न बिना किसी रुकावट के भरा गया है. गलत फॉर्म दाखिल करने से अतिरिक्त जांच और देरी हो सकती है.
सही जानकारी दें
वहीं, आईटीआर में सटीक और पूरी जानकारी होनी चाहिए. किसी भी त्रुटि के कारण देरी हो सकती है और प्रश्न उठ सकते हैं. टैक्सपेयर्स को अपने पैन कार्ड, बैंक डिटेल और कॉन्टैक्ट जैसी डिटेल की दोबारा जांच करनी चाहिए. साथ ही निर्धारित तारीख से पहले ही आईटीआर दाखिल कर देना चाहिए. समय पर दाखिल करने से आईटी विभाग को भी इसे प्रोसेस करने के लिए पर्याप्त समय मिलता है और यह सुनिश्चित होता है कि रिटर्न तुरंत प्रोसेस हो जाता है.
इनकम टैक्स रिटर्न वेरिफिकेशन
यदि आपका मोबाइल नंबर और बैंक खाता आधार से जुड़ा हुआ है, तो ई-सत्यापन कोड विकल्प का उपयोग करें. यदि नेट बैंकिंग सक्षम है, तो पोर्टल आपको बैंक की साइट पर रीडायरेक्ट कर देगा. ऑनलाइन फाइलिंग और ई-सत्यापन विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन फाइलिंग तेज और अधिक कुशल है. रिटर्न दाखिल करने के तुरंत बाद ई-सत्यापन किया जाना चाहिए. पूर्व-सत्यापित खाता, रिफंड के लिए बैंक खाते को पूर्व-सत्यापित करने से यह सुनिश्चित होता है कि रिफंड राशि सीधे खाते में जमा हो जाती है.