Salary Incriment in 2025: साल 2025 में सॉफ्टवेयर और बिजनेस सर्विस सेक्टर में वेतन वृद्धि 9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो सामान्य उद्योग औसत 9.5 प्रतिशत से कम है. रिपोर्ट के अनुसार कॉरपोरेट सेक्टर 9.5 प्रतिशत के सैलरी हाइक के साथ देशभर में सबसे आगे है.
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Salary Hike Expectations: पूरी साल मेहनत करने के बाद नौकरीपेशा को सबसे ज्यादा इंतजार अपनी सैलरी हाइक को लेकर रहता है. जैसे-जैसे मार्च 2025 नजदीक आ रहा है सैलरीड क्लास की सैलरी इंक्रीमेंट को लेकर उत्सुकता बढ़ती जा रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार देश में कंपनियां कर्मचारियों के लिए साल 2025 में 9.5 प्रतिशत हाइक की पेशकश कर सकती हैं. एक रिपोर्ट में इसको लेकर अनुमान जताया गया है. डब्ल्यूटीडब्ल्यू की नई वेतन बजट योजना रिपोर्ट के अनुसार देश में औसत सैलरी इंक्रीमेंट 2025 में 9.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह 2024 की वास्तविक वेतन वृद्धि के बराबर ही है, जो कि 9.5 प्रतिशत रही है.
एवरेज से ज्यादा सैलरी हाइक होने का अनुमान
अगले साल सबसे ज्यादा 10 प्रतिशत सैलरी हाइक मेडिकल सेक्टर में होने की संभावना है, जबकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 9.9 प्रतिशत, इंश्योरेंस सेक्टर में 9.7 प्रतिशत और रिटेल में 9.6 प्रतिशत हाइक का अनुमान है, जो कि औसत स्तर से अधिक होने की संभावना है. हालांकि साल 2025 में सॉफ्टवेयर और बिजनेस सर्विस सेक्टर में वेतन वृद्धि 9 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो सामान्य उद्योग औसत 9.5 प्रतिशत से कम है. रिपोर्ट के अनुसार कॉरपोरेट सेक्टर 9.5 प्रतिशत के सैलरी हाइक के साथ देशभर में सबसे आगे है.
किन देशों में कितना होगा इंक्रीमेंट
वियतनाम (7.6 प्रतिशत), इंडोनेशिया (6.5 प्रतिशत), फिलीपीन (5.6 प्रतिशत), चीन (पांच प्रतिशत) और थाईलैंड (पांच प्रतिशत) के भारत से पीछे रहने के अनुमान हैं. यह रिपोर्ट डब्ल्यूटीडब्ल्यू के रिवार्ड्स डेटा इंटेलिजेंस की तरफ से जुटाए गए आंकड़ों पर बेस्ड है. यह सर्वे अप्रैल और जून 2024 में किया गया था. दुनियाभर के 168 देशों की कंपनियों से मिलीं करीब 32,000 प्रविष्टियों के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार हुई है. इस सर्वे में भारत से भी 709 प्रतिभागी शामिल थे.
बड़े पैमाने पर इस्तीफों का दौर पीछे छूट चुका
डब्ल्यूटीडब्ल्यू इंडिया में एडवाइजर (कार्य एवं पारिश्रमिक) राजुल माथुर ने कहा, 'भारत में कंपनियां वृद्धि को लेकर आशावादी होने के साथ सतर्कता भी दिखा रही हैं. बड़े पैमाने पर इस्तीफों का दौर अब पीछे छूट चुका है. अब नियोक्ता एवं कर्मचारी दोनों ही स्थिरता चाहते हैं और बाजार की धारणा स्थिर है.' माथुर ने कहा कि संगठन प्रदर्शन-आधारित वेतन विभेद पर अधिक जोर दे रहे हैं. इस प्रवृत्ति के अनुसार शीर्ष प्रदर्शन करने वालों को औसत प्रदर्शन वाले कर्मचारियों की तुलना में तीन गुना वेतन वृद्धि मिलने की संभावना है, जबकि औसत से बेहतर कर्मचारियों को औसत प्रदर्शन करने वालों की तुलना में लगभग 1.2 गुना वेतन वृद्धि मिलने की उम्मीद है.
रिपोर्ट कहती है कि लगभग 28 प्रतिशत कंपनियां अगले 12 महीनों में नई भर्तियां करने की योजना बना रही हैं. हालांकि कर्मचारियों के स्वेच्छा से नौकरी छोड़ने की दर इस क्षेत्र में ऊंचे स्तर पर बनी हुई है. भारत में नौकरी छोड़ने की दर 2024 में 10.8 प्रतिशत हो गई है जो 2023 में 11 प्रतिशत थी. इसके अलावा भारत में लगभग 46 प्रतिशत कंपनियों को उम्मीद है कि 2025 के लिए उनका वेतन बढ़ोतरी का बजट 2024 के समान ही होगे जबकि 28 प्रतिशत कंपनियों ने बजट अनुमान से कम होने की संभावना जताई है. (इनपुट भाषा से भी)