India US Trade News: सूत्रों का कहना है कि भारत की आयात नीति वैश्विक मानकों के अनुसार है और अधिकांश अमेरिकी उत्पादों पर कम शुल्क लगाया जाता है.
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India US Trade Relation: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 'रिसिप्रोकल टैरिफ' पॉलिसी के जवाब में भारत ने भी अपनी रणनीति तैयार कर ली है. अंग्रेजी वेबसाइट मिंट ने दो सरकारी अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि भारत सरकार अमेरिका को डेटा पेश करके यह दिखाएगी कि भारतीय बाजार में ज्यादातर अमेरिकी सामान पर 10% से भी कम आयात शुल्क लगता है.
भारत और अमेरिका भले ही साल 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक बढ़ाने और शुल्क कम करने और बाजार पहुंच में सुधार के लिए व्यापार समझौते पर बातचीत करने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच टैरिफ का मुद्दा अनसुलझा है.
अमेरिका के सामने डेटा पेश करेगा भारत
अमेरिकी सरकार का कहना है कि भारत, अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा आयात शुल्क लगाता है, जिससे अमेरिका को नुकसान हो रहा है. भारत सरकार ने इस दावे को गलत साबित करने के लिए एक विस्तृत डेटा रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें अमेरिकी निर्यात पर लगने वाले शुल्कों का पूरा विवरण होगा.
भारत के वाणिज्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने मिलकर एक विशेष रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें अमेरिकी उत्पादों पर लागू आयात शुल्क का विवरण दिया गया है. यह रिपोर्ट अप्रैल में होने वाली अगली व्यापार वार्ता के दौरान अमेरिका को सौंपी जाएगी. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में अमेरिकी निर्यात पर लगने वाला औसत आयात शुल्क 5% से भी कम है, जबकि ट्रंप प्रशासन इसे बहुत ज्यादा बताने की कोशिश कर रहा है.
100 उत्पादों पर औसत शुल्क सिर्फ 5%
सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारत की आयात नीति वैश्विक मानकों के अनुसार है और अधिकांश अमेरिकी उत्पादों पर कम शुल्क लगाया जाता है. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, भारत में अमेरिकी उत्पादों पर लगाए जाने वाले शुल्क बहुत अधिक नहीं हैं. उदाहरण के लिए, भारत में अमेरिका से आने वाले शीर्ष 100 उत्पादों पर औसत शुल्क सिर्फ 5% है. यह स्पष्ट करता है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संतुलित रखने की कोशिश हो रही है."
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब 13 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बैठक हुई थी. इस बैठक के बाद 'मिशन 500' लॉन्च किया गया था, जिसका लक्ष्य 2030 तक भारत-अमेरिका व्यापार को दोगुना करना है. भारत सरकार का मानना है कि व्यापार संतुलन बनाए रखने के लिए टैरिफ और नॉन-टैरिफ बैरियर को कम करना होगा, जिससे दोनों देशों के उद्योगों को फायदा होगा.