Neal Mohan: नील मोहन ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर सभी भारतीय भाषाओं और कलाओं के लोगों के लिए समान अवसर हैं और यहां किसी प्रकार का कोई लैंगिक भेदभाव भी नहीं है. उन्होंने कहा, 'हमारे पास ऐसे टूल हैं, जो दोनों (कंटेंट क्रिएटर्स और यूजर्स) के लिए अच्छा माहौल प्रदान करने में मदद करते हैं.
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Neal Mohan You Tube: भारत के क्रिएटर्स की इकॉनमी दिन दूना रात चौगुना बढ़ रही है. YouTube और Google के SVP के चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर नील मोहन ने बताया है कि यूट्यूब पर लोकल क्रिएटर्स सालाना अनुमानित रूप से देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6,800 करोड़ रुपये का योगदान दे रहे हैं और इस प्रक्रिया में 7 लाख नौकरियां पैदा कर रहे हैं.
नील मोहन ने दी बड़ी जानकारी
नील मोहन ने कहा कि भारत में क्रिएटर्स की इकॉनमी सच में बहुत अच्छा कर रही है. यह इवेंट ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोजित किया गया था. नील मोहन ने बताया कि YouTube न केवल रचनाकारों को अपने दर्शक बनाने का मौका देता है, बल्कि उनके लिए बिजनेस बनाने के लिए आर्थिक अवसर भी पैदा करता है. YouTube एक ऐसा स्थान है, जहां सभी प्रकार के बिजनेस फल-फूल रहे हैं- खासकर छोटे बिजनेस – क्योंकि यह प्लेटफ़ॉर्म एक विज्ञापन-संचालित मीडिया प्लेटफ़ॉर्म है.
यहां कोई भेदभाव नहीं
नील मोहन ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर सभी भारतीय भाषाओं और कलाओं के लोगों के लिए समान अवसर हैं और यहां किसी प्रकार का कोई लैंगिक भेदभाव भी नहीं है. उन्होंने कहा, 'हमारे पास ऐसे टूल हैं, जो दोनों (कंटेंट क्रिएटर्स और यूजर्स) के लिए अच्छा माहौल प्रदान करने में मदद करते हैं. यूट्यूब एक ऐसी जगह है, जहां पूरे भारत में कंटेंट क्रिएटर्स को पहला दर्जा दिया जाता है.'
सरकार की नजर जरूरी!
नील मोहन ने बताया, 'इसे समावेशी और विविधतापूर्ण बनाना हमारी प्राथमिकता है. क्रिएटर्स अर्थव्यवस्था भारत में करोड़ों लोगों को प्रभावित करती है और इसलिए सरकारों के लिए इन प्लेटफार्मों पर क्या होता है, इसकी परवाह करना स्वाभाविक है. यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी प्रमुख हितधारकों, सरकारों और YouTube पर है कि मंच का उपयोग गलत सूचना फैलाने के लिए न हो. यूट्यूब एक ऐसी जगह है जहां लोग नीतिगत परिणामों के संदर्भ में राय और दृष्टिकोण साझा करने के लिए आते हैं. यहां चुनावी अखंडता, गलत सूचना और हिंसा को रोकने के प्रति हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है.'