Paytm Crisis: पेटीएम की बढ़ती मुसीबत, RBI के बाद अब सरकार ने कसा शिकंजा, चीनी निवेश की जांच, कंपनी ने दी सफाई
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Paytm Crisis: पेटीएम की बढ़ती मुसीबत, RBI के बाद अब सरकार ने कसा शिकंजा, चीनी निवेश की जांच, कंपनी ने दी सफाई

Paytm Payments Services:भारत सराकर पेटीएम पेमेंट सर्विसेस में चीन के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की जांच करने में जुट गई है. आपको बता दें कि कंपनी ने नवंबर 2020 में भुगतान एग्रीगेटर के तौर पर काम करने के लिए आरबीआई के सामने लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. 

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Paytm Crisis Latest Update:  फिनटेक कंपनी  वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड की सहायक कंपनी पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड (PPSL) की मुश्किलें कम होने के बजाए बढ़ती जा रही है. आरबीआई की कार्रवाई के बाद अब सरकार की शिकंजा कसने लगा है. अब भारत सरकार ने कंपनी के चीन से रिश्तों पर जांच शुरू कर दी है. पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेस में चीन के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की जांच होगी.  

पेटीएम पेमेंट सर्विसेस में चीन के निवेश की जांच  

भारत सराकर पेटीएम पेमेंट सर्विसेस में चीन के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की जांच करने में जुट गई है. आपको बता दें कि कंपनी ने नवंबर 2020 में भुगतान एग्रीगेटर के तौर पर काम करने के लिए आरबीआई के सामने लाइसेंस के लिए आवेदन किया था.   हालांकि आरबीआई ने नवंबर, 2022 में आवेदन को खारिज कर दिया और कंपनी को इसे फिर से जमा करने के लिए कहा, ताकि एफडीआइ नियमों के तहत प्रेस नोट तीन का अनुपालन हो सके. प्रेस नोट तीन का अनुपालन करने के लिए कंपनी ने 14 दिसंबर, 2022 को फिर से आवेदन दायर किया.  

विदेशी निवेश को लेकर क्या है सरकार के नियम 

आपको बता दें कि वन 97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड (ओसीएल) में चीनी फर्म एंट ग्रुप कंपनी का निवेश है. अब अंतर-मंत्रालयी समिति पीपीएसएल में पेटीएम में चीन से निवेश की जांच कर रही है . आपको बता दें कि प्रेस नोट तीन के तहत, सरकार ने भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले किसी भी देश से विदेशी निवेश से पहले मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया था .भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले देश चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान हैं. इन देशों से निवेश हासिल करने से पहले कंपनियों को मंजूरी देनी होगी. है.इस नियम के पीछे सरकार का मकसद कोरोना महामारी के बाद घरेलू कंपनियों के अधिग्रहण को रोकना था.   

मामले पर पेटीएम की सफाई

इस मामले पर पेटीएम की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक कंपनी ने सभी जरूरी गाइडलाइंस का पालन किया है. पेटीएम पेमेंट बैंक सर्विसेस लिमिटेड (PPSL) ने ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर (PA Application) के तौर पर आवेदन किया. ऑनलाइन मर्चेंट और रेगुलेटर ने बाद में पीपीएसएल को पिछले डाउनवर्ड निवेश के लिए आवश्यक मंजूरी लेने और आवेदन फिर से जमा करने के लिए कहा. 

इस नियम का हर किसी को पालन करना होता है. यह नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है जहां भुगतान एग्रीगेटर लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले कंपनी को एफडीआई अप्रूवल प्राप्त करना होता है. कंपनी के फाइलिंग डेट के मुताबिक 26 मार्च 2023 को रेगुलेटर ने PPSL को एक्सटेंशन दिया और एप्लीकेशन को दोबारा सब्मिट करने को कहा.PPSL की ओर से नियामक के सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ तय समयसीमा के भीतर गाइडलाइंस को माना और सब्मिट किया गया.  कंपनी ने कहा कि पेंडिंग प्रोसेस के दौरान, पीपीएसएल को किसी भी नए व्यापारी को शामिल किए बिना मौजूदा भागीदारों के लिए अपने ऑनलाइन भुगतान एग्रीगेटर कारोबार को जारी रखने की अनुमति की.  

पेटीएम में था चीनी कंपनी अलीबाबा का निवेश

चीनी फर्म Ant Financial का वन 97 कम्यूनिकेशन में 10 फीसदी से कम हिस्सेदारी है. OCL का फाउंडर के पास 24.3 फीसदी का स्टॉक है.  चीन की कंपनी अलीबाबा का पेटीएम में बड़ा निवेश था. हालांकि बीते साल अलीबाबा (Alibaba) ने पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस (One97 Communications) में 13600 करोड़ में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच दी. अलीबाबा के पास दिसंबर 2022 तक पेटीएम में 6.26 फीसदी की हिस्सेदारी थी.  

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