Railway Shatabdi Express: रेलवे अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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Indian Railway: पैसा लेकर बेटिकट पैसेंजर को शताब्दी एक्सप्रेस में सफर कराना ट्रेन टिकट परीक्षक यानी TTE को महंगा पड़ गया है. उत्तर मध्य रेलवे ने TTE के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल, रेलवे के औचक निरीक्षण के दौरान यह पता चला कि TTE ने त्योहारी सीजन में बिना टिकट यात्रियों को प्रीमियम ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस में यात्रा करने की अनुमति दी थी.
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि कांत त्रिपाठी ने बताया, "प्रीमियम ट्रेन में बिना टिकट यात्रियों को यात्रा करने देने और यात्रियों से अधिक शुल्क वसूलने के आरोपों की शिकायतें मिली हैं. हमने इन मामलों की जांच के आदेश दिए हैं."
सख्त कार्रवाई का आश्वासन
त्रिपाठी ने यह भी कहा कि रेलवे में भ्रष्टाचार के मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाती है और ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, 29 अक्टूबर को नई दिल्ली-लखनऊ स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में एक गोपनीय सूचना के आधार पर ट्रैफिक और कॉमर्शियल विभाग द्वारा औचक निरीक्षण किया गया था.
गोपनीय सूचना पर कार्रवाई
गोपनीय जानकारी के अनुसार, TTE ने यात्रियों से पैसे लेकर उन्हें बिना टिकट यात्रा करने की अनुमति दी थी. यह निरीक्षण उत्तर प्रदेश के टुंडला और कानपुर के बीच किया गया था. जांच के दौरान यह पाया गया कि TTE ने यात्रियों से रिश्वत लेकर उन्हें टिकट के बिना यात्रा करने दिया. रेलवे अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
प्रयागराज रेल मंडल के एक अधिकारी ने बताया कि हमारे सहायक ट्रैफिक मैनेजर दिनेश कपिल को सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली-लखनऊ शताब्दी एक्सप्रेस में कई यात्री बिना टिकट यात्रा कर रहे हैं. उन्होंने अपने डिप्टी चीफ ट्रैफिक मैनेजर अमित सुदर्शन के निर्देश पर तुरंत एक टीम का गठन किया. यह टीम टुंडला स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ी और उन्हें सी-11 से सी-13 तक के तीन कोचों की जांच की. सी-11 कोच की जांच करते समय टीम के सदस्यों को 21 लोग बिना टिकट यात्रा करते हुए मिले. यह देखकर टीम हैरान रह गई.
दो से तीन हजार रुपये लिए गए रिश्वत
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, 21 लोगों का एक ग्रुप उस दिन शताब्दी ट्रेन में सफर करने वाला था. लेकिन किसी कारणवश वे नहीं पहुंचे. इसका फायदा उठाते हुए TTE ने ट्रेन के वेटर और अटेंडेंट के साथ मिलकर रिश्वत लेकर अन्य 21 लोगों को बिना टिकट यात्रा करने की अनुमति दे दी. निरीक्षण टीम ने पाया कि C-11 कोच पूरी तरह से भरा हुआ था और जब सभी यात्रियों से टिकट दिखाने के लिए कहा गया तो 21 लोग बिना टिकट पाए गए.
निरीक्षण के दौरान जब अधिकारियों ने बिना टिकट यात्रियों को चालान जारी करना शुरू किया तो उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने पहले ही TTE को 2000 से 3000 प्रति व्यक्ति रिश्वत दी थी. जिसके बाद TTE ने उन्हें यात्रा की अनुमति दी थी. हालांकि, निरीक्षण के समय TTE कोच में मौजूद नहीं था और मोबाइल फोन पर बुलाने के बाद लगभग आधे घंटे में वहां पहुंचा. उसने कोच में उपस्थित न रहने के कई बहाने बनाए.