UPI Payment: ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का क्रेज ऐसा चढ़ा है कि लोग कैश, एटीएम कार्ड करने की आदत भूल रहे हैं. स्मार्टफोन अगर है तो सारे पेमेंट कुछ ही मिनटों में हो जाता है. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के इस दौर में कैश रखने की आदत लोगों की छूट रही है.
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UPI Payment: ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का क्रेज ऐसा चढ़ा है कि लोग कैश, एटीएम कार्ड करने की आदत भूल रहे हैं. स्मार्टफोन अगर है तो सारे पेमेंट कुछ ही मिनटों में हो जाता है. ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के इस दौर में कैश रखने की आदत लोगों की छूट रही है. ताजा आंकड़े जान आप अंदाजा लगा सकते हैं कि लोगों में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन की आदत किस कदर घर गई है.
UPI पेमेंट ने बनाया रिकॉर्ड
यूपीआई से सितंबर में रिकॉर्ड बना लिया. एक महीने में लोगों ने 20.64 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन किए. यूपीआई ट्रांजैक्शन की संख्या 15.04 अरब के पार हो गई. यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिए होने वाले लेनदेन में 31 फीसदी का उछाल आया. यूपीआई पेमेंट का मूल्य सितंबर में सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़कर 20.64 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इस दौरान ट्रांजैक्शन की संख्या भी सालाना आधार पर 42 प्रतिशत बढ़कर 15.04 अरब हो गई है.
बढ़ रहा यूपीआई पेमेंट का क्रेज
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) की ओर से मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक सितंबर महीने में यूपीआई पर प्रतिदिन 50.1 करोड़ लेनदेन हुए थे. अगस्त में यह आंकड़ा 48.3 करोड़ पर था. इस दौरान यूपीआई पर प्रतिदिन औसत 68,800 करोड़ रुपये के मूल्य के लेनदेन हुए. अगस्त में यह आंकड़ा 66,475 करोड़ रुपये पर था.
यूपीआई लेनदेन की वैल्यू 20 लाख करोड़ के पार
यह लगातार पांचवां महीना है, जब मासिक यूपीआई लेनदेन की वैल्यू 20 लाख करोड़ रुपये रही है. सितंबर में आधार आधारित पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) से 10 करोड़ के करीब लेनदेन हुए हैं और इनकी वैल्यू 24,143 करोड़ रुपये थी. इमीडिएट पेमेंट सर्विस (IMPS) के जरिए सितंबर में 5.65 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए हैं. इसमें सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है.
Fastag में कितना लेनदेन
बीते महीने प्रतिदिन औसत 1.4 करोड़ आईएमपीएस लेनदेन हुए हैं और इनकी प्रतिदिन की औसत वैल्यू 18,841 करोड़ रुपये रही थी. सितंबर में फास्टैग में 31.8 करोड़ लेनदेन हुए हैं, इसमें 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस दौरान फास्टैग में 5,620 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है और इसमें सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यूपीआई के आंकड़े दिखाते हैं कि देश में डिजिटल लेनदेन में तेजी से वृद्धि हो रही है.