Lekhpal, Tehsildar Outsourced: तहसीलदार फर्स्ट कैटेगरी के गैजेटेड ऑफिसर होते हैं. वह जिला कलेक्टर के अधीनस्थ होते हैं.
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UP Government: एक चौंकाने वाले फैसले में, स्थानीय प्रशासन ने तहसीलदार से लेकर लेखपाल तक के पदों पर भर्ती के लिए आउटसोर्सिंग का सहारा लेने का फैसला लिया है. यूपी के गोरखपुर में ऐसा करने के लिए एक विज्ञापन जारी किया गया है. हालांकि इसका विरोध भी किया जा रहा है. यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इसके खिलाफ एक्स पर एक पोस्ट भी किया है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि तहसीलदार को कितनी सैलरी और सुविधाएं मिलती हैं.
तहसीलदार का काम रिवेन्यू इक्टठा करने का होता है. तहसीलदार अपने अधिकार क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए भी जिम्मेदार होते हैं. इसके अलावा तहसीलदार भूमि रिकॉर्ड और राजस्व संग्रह का भी काम करते हैं. इन्हें तहसील के लिए एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के रूप में भी जाना जाता है. तहसीलदार के पास लेखपाल और पटवारियों के काम की निगरानी की भी जिम्मेदारी होती है. तहसीलदार से जूनियर या अधीनस्थ को नायब तहसीलदार होता है.
तहसीलदार फर्स्ट कैटेगरी के गैजेटेड ऑफिसर होते हैं. वह जिला कलेक्टर के अधीनस्थ होते हैं. तहसीलदार को ग्रेड पे 4200, पे स्केल (लेवल 11 मैट्रिक्स) 9300 से 34800 के तहत 35500 रुपये से 42500 रुपये के बीच सैलरी मिलती है. साथ ही उन्हें कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं. कुला मिलाकर तहसीलदार को मोटी सैलरी मिलती है.
तहसीलदार को सैलरी के अलावा ट्रांसपोर्ट अलाउंस भी मिलता है. महंगाई भत्ता भी दिया जाता है. इसके अलावा हाउस रेंट अलाउंस, एलटीए और दूसरी सुविधाएं भी मिलती हैं.
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा है, बेहतर होगा कि भाजपा पूरी की पूरी 'सरकार' ही आउटसोर्स कर दे तो उसका एक जगह से ही सारा कमीशन, एक साथ सेट हो जाए. ऐसा करने से भाजपा को फुटकर में नौकरी और उसके बहाने आरक्षण को ख़त्म करने का महाकष्ट नहीं उठाना पड़ेगा.
हम तो हमेशा से कहते रहे हैं, आज फिर दोहरा रहे हैं: नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं. आउटसोर्सिंग PDA के ख़िलाफ़ एक आर्थिक साज़िश है. भाजपा इस प्रस्ताव को तत्काल वापिस करे और नौकरी-आरक्षण का सांविधानिक हक़ न छीने.
गोरखपुर नगर निगम ने आउटसोर्सिंग के माध्यम से रिटायर्ड अफसरों और कर्मचारियों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला है. इसमें तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षकों और लेखपालों की भर्ती आउटसोर्सिंग के जरिए करने की बात कही गई है.
चारों पदों पर नौ लोगों की नियुक्त के साथ अलग अलग दरों से फिक्स सैलरी दी जाएगी. नगर निगम के विज्ञापन में जिक्र है कि तहसीलदार पद पर नियुक्त व्यक्ति को 35 हजार रुपये महीना, नायब तहसीलदार को 30 हजार, राजस्व निरीक्षक को 29 हजार और लेखपाल को 27 हजार रुपये सैलरी देने की बात कही गई है.
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