Republic Day 2025: इस साल भारतीय नौसेना की परेड के कंटिजेंट की कमान लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल आह्लुवालिया के हाथों में दी गई है. वह यह पल उनके लिए काफी खास है क्योंकि आज से 34 साल पहले उनके पिता रिटायर्ड कमांडर रवि आह्लुवालिया भी नौसेना के कंटिजेंट कमांडर थे.
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Lieutenant Commander Saahil Ahluwalia: लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल आह्लुवालिया के लिए यह गणतंत्र दिवस 2025 खास होने वाला है. इस साल वे नौसेना की परेड के कंटिजेंट कमांडर होंगे, और यह पल उनके लिए और भी खास इसलिए है क्योंकि 34 साल पहले उनके पिता रिटायर्ड कमांडर रवि आह्लुवालिया भी नौसेना के कंटिजेंट कमांडर थे. इस खास मौके पर उनके पिता अपने परिवार के साथ कर्तव्य पथ पर अपने बेटे को परेड का नेतृत्व करते देखने आएंगे. पूरा परिवार इस क्षण का बेसब्री से इंतजार कर रहा है.
भारतीय नौसेना में परिवार की दूसरी पीढ़ी
लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल आह्लुवालिया अपने परिवार में भारतीय नौसेना के दूसरे पीढ़ी के अधिकारी हैं. उन्होंने दिसंबर 2012 में भारतीय नौसेना एकेडमी (INA) जॉइन की थी और एकेडमी के दौरान उन्हें "सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी" का खिताब दिया गया था.
कर चुके हैं 27 देशों की यात्रा और विदेशी नौसेनाओं के साथ अभ्यास
नवंबर 2016 में कमीशन प्राप्त करने के बाद, उन्होंने नौसेना के कई प्रमुख युद्धपोतों जैसे तेग, कोलकाता, तबर और किर्च पर सेवा की. इन युद्धपोतों पर उन्होंने एंटी-पायरेसी पेट्रोलिंग, ऑपरेशनल डिप्लॉयमेंट्स और कोविड के दौरान "समुद्र सेतु" मिशन में हिस्सा लिया. अपने करियर में उन्होंने नौसेना के युद्धपोतों पर 27 देशों की यात्राएं कीं और कई विदेशी नौसेनाओं के साथ अभ्यास भी किया.
सशस्त्र बलों के सुप्रीम कमांडर के बने गार्ड ऑफिसर
गनरी और मिसाइल युद्ध कौशल विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल आह्लुवालिया वर्तमान में आईएनएस मैसूर पर गनरी ऑफिसर के रूप में तैनात हैं. उन्हें दो बार भारत के राष्ट्रपति, जो कि सशस्त्र बलों के सुप्रीम कमांडर हैं, उनके गार्ड ऑफिसर के रूप में भी चुना गया. इस बार उन्हें दिल्ली के कर्तव्य पथ पर भारतीय नौसेना के कंटिजेंट का नेतृत्व करने का मौका मिला है.
मीडिया से बात करते हुए लेफ्टिनेंट कमांडर साहिल ने कहा,
"एक दूसरे पीढ़ी के नौसेना अधिकारी के रूप में अपने पिता के नक्शेकदम पर चलना मेरे लिए गर्व और सम्मान का पल है. यह महीनों की कड़ी मेहनत, अनुशासन और टीम वर्क का परिणाम है. हर सदस्य ने परेड ग्राउंड और इसके पीछे अपने काम में उत्कृष्टता हासिल करने की कोशिश की है. हमें पूरा भरोसा है कि इस साल हम 'सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग कंटिजेंट ट्रॉफी' जीतेंगे."
पिता रिटायर्ड कमांडर रवि आह्लुवालिया ने कहा,
"मुझे बेहद खुशी है कि मेरा बेटा वही कर रहा है जो मैंने 34 साल पहले किया था. पूरी टीम की मेहनत कर्तव्य पथ पर दिखेगी. मेरी शुभकामनाएं इन युवा लड़कों और लड़कियों को हैं, जिन्होंने देश की सेवा के लिए नौसेना जैसे सम्मानित पेशे को चुना है."